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Friday, December 25, 2020

(सौर मंडल के ऐसे ग्रहों के बारे में कभी सोचा भी नहीं होगा और, जाने स्टीफन हॉकिंग की एक अद्भुत सोच की कहानी को) -Saur mandal ke aise grahon ke baare mein kabhee socha bhee nahin hoga aur, jaane steephan Hawking kee ek adbhut soch kee kahaanee ko)-

                                BLOG  
              आइए जानते हैं ग्रहों के बारे में 
              



- चलो जानते हैं कि हमारे सौर्य मंडल में कितने ग्रह और
कितने उनके प्रकृतिक उपग्रह हैं
 
आइए Solar system के बारे में पढ़ें, क्या आप ग्रहों के बारे में जानते हैं?  इसलिए ग्रहों से, हमारे पास हमेशा से यह है कि सौर मंडल में 8 ग्रह हैं, लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि नौ ग्रह हैं।  यह सोचा जाता है कि हम जिस शहर में रहते हैं, वह कितना बड़ा शहर है और यह देश कितने बड़े हैं, यह शहर कितना बड़ा है, यह देश कहां है और यह दुनिया कहां है, यानी पृथ्वी कितनी बड़ी है, इसका मतलब है कि हमारा सौर मंडल  यह इस तरह है। हम अक्सर अपने ग्रह पृथ्वी से देखते हैं कि दिन में यह सूरज कितना बड़ा है और रात में चंद्रमा कितना मीठा है।  क्या चमकता है?  यह कहां से आता है?  क्या हमने कभी सोचा है कि हम सभी दिन या रात के दौरान आकाश को देखते हैं।  आसमान की तरफ देखते हुए।  हम वास्तव में अंतरिक्ष में देख रहे हैं।  अंतरिक्ष में कुछ चीजों को नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है।  ब्रह्मांड में अंतरिक्ष की तुलना में कई और चीजें हैं जैसे कि आकाशगंगा, तारे, ग्रह, उल्कापिंड, उल्कापिंड, क्षुद्रग्रह, उपग्रह आदि। लेकिन आप हमारे सौर मंडल में कितने ग्रह हैं और उन ग्रहों के प्राकृतिक उपग्रह कितने हैं।





    












-अंतरिक्ष में यूं तो ऐसे बहुत से ग्रह है जिनके बारे में आज तक नासा के साइंटिस्ट भी नहीं पता कर पाए हैं लेकिन आज हम पढ़ेंगे की उन ग्रहों के बारे में जो सूर्य मंडल के अंदर है और सूर्य मंडल की orbit से बाहर हो गए हैं आपने कभी सोचा नहीं है कि हमारा सूर्य मंडल कितना बड़ा है आपने बिल्कुल सोचा होगा क्यों नहीं सोचा होगा अक्सर साइंस की किताबों में पढ़ते हैं कि हमारे सूर्य मंडल में कितने बड़े-बड़े ग्रह है जैसे कि बुध ग्रह, शुक्र ग्रह, मंगल ग्रह, शनि ग्रह, बृहस्पति ग्रह, अत्याधिक ग्रह है?


-लेकिन हम आपको कुछ ऐसे ग्रहों और उनके प्राकृतिक उपग्रहों के बारे में आपको पूरी जानकारी देंगे जिसके बारे में आप शायद से ही जानते होंगे और इसको पूरा ध्यान से पढ़ें यूं तो हमारे सूर्य मंडल में कितने ग्रह हैं लेकिन उन ग्रहों में पृथ्वी के मुताबिक इंसानों के लिए जीवन नहीं है ऐसा बड़े बड़े वैज्ञानिक कह चुके हैं और नासा के भी वैज्ञानिक अभी तक इस पर खोज कर रहे हैं

-क्या आपने कभी सोचा है कि पृथ्वी ग्रह के पास इंसानों के लिए आवश्यक सब कुछ है, पीने के लिए पानी, खाने के लिए भोजन, घर बनाने के लिए मिट्टी और पत्थर, सांस लेने के लिए ताज़ा हवा और प्रकृति का इतना अच्छा वातावरण देखकर दिल खुश हो जाता है, क्या आपने कभी सोचा नहीं है  ये बातें, यह बात कहाँ से आई, खाना कहाँ से आया, पीने के लिए पानी कहाँ से आया, घर के लिए मिट्टी और पत्थर कहाँ से आए और कहाँ रहते थे, यानी धरती कहाँ से आई?  , यह कब और कैसे पैदा हुआ था, लेकिन अब हमारे कई महान वैज्ञानिकों ने इस बारे में जानकारी निकाली है कि पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ, इसलिए आपके पास इंटरनेट पर बहुत कुछ है जो आपको सारी जानकारी मिल जाएगी।
लेकिन हम सोचने के बारे में बात कर रहे हैं जिन लोगों ने इसके बारे में जानकारी निकाली है, उन्होंने नहीं सोचा होगा क्या जी बिल्कुल हजारों बार सोचा होगा, तभी तो उन्होंने इतनी बड़ी जानकारी निकाली है, इसे ही महत्वपूर्ण सोच कहा जाता है, दोस्तों सही देखो सही परको सही सोचो सही करो क्या पता यही सही सोच आपको भविष्य में क्या से क्या बना दे?
 रहने दो आपको समझ नहीं आएगा तो चलो आपको विस्तार से समझाते हैं किसी महान इंसान की कहानी सुनाती है और उनके सोच के बारे में बताते हैं

-जी हां हम बात कर रहे हैं स्टीफन हॉकिंग की अरे इन्हे कौन नहीं जानता और जो इन्हे नहीं जानते वह इनके शरीर पर मत जाना चाहो तो इनके बारे में इंटरनेट से और जान लेना जहां बात कर रहे हैं सौर मंडल की और महत्वपूर्ण सोच कि तू स्टीफन हॉकिंग का नाम ना ले ऐसा हो सकता है क्या उनकी कहानी के बारे में ना बताएं ऐसा हो सकता है क्या चलो जानते हैं महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की सोच के बारे में जो फिजिक्स को जानते है वह स्टीफन हॉकिंग को जानते है जो ब्लैक होल और थ्योरी को जानते हैं वह स्टीफन हॉकिंग को जानते हैं अगर हम इन्हें अंतरिक्ष का भगवान कहे तो इसमें कोई शक नहीं अगर हम इन्हें विज्ञान का भगवान कहे तो इसमें भी कोई शक नहीं चलो उनकी एक कहीं बात बताते हैं एक बार उन्होंने कहा था कि मुझे मौत से कोई डर नहीं लगता लेकिन मुझे मरने की भी कोई जल्दी नहीं है क्योंकि मुझे मरने से पहले जिंदगी में बहुत कुछ करना बाकी है यह कहना था महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जिसके शरीर का कोई भी अंग काम नहीं करता वह चल नहीं सकते वह बोल नहीं सकते वह कुछ करभी नहीं सकते लेकिन फिर भी जीना चाहते हैं तो सोचो उस इंसान की सोच क्या होगी स्टीफन हॉकिंग का कहना है कि मृत्यु तो निश्चित लेकिन जन्म और मृत्यु हम तय नहीं कर सकते लेकिन जीना कैसी है यह हम तय कर सकते हैं हमारी जिंदगी में मुश्किल समय तो आएंगे ही आएंगे चाय जिंदगी कितनी भी मुश्किल क्यों ना हो आप जरूर कुछ ना कुछ कर सकते हैं और सफलता की ओर बढ़ सकते हैं

परिचय
-स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी  1942 में इंग्लैंड के ऑक्सफर्ड में हुआ था और तू उस वक्त दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था इनका पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंस था स्टॉकिंग के माता-पिता लंदन हाईगेट सिटी में रहते थे लेकिन वहां पर अक्सर बमबारी हुआ करती थी जिसके वजह से वह अपने पुत्र के जन्म के लिए ऑक्सफर्ड चले आए जहां पर उनका सुरक्षित जन्म हो सका फिर वह ऑक्सफर्ड में ही रहने लगे स्टीफन बचपन से ही बहुत बुद्धिमान थे उनके पिताजी नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल में पैरासाइटोलॉजी रिसर्च थे और उनकी माताजी हाउसवाइफ थी
स्टीफन हॉकिंग के बुद्धिमान होने का परिचय इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें लोग स्कूल में आइंस्टाइन कहकर बुलाया करते थे और तो यहां तक कि उन्होंने पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से एक कंप्यूटर तक भी बना दिया था तो सोचो उस इंसान की बुद्धि का कितना महत्व होगा वह इंसान सोचता क्या होगा सोचो औरतों वह गणित में भी बहुत होशियार थे फिर उन्होंने 17 साल की उम्र में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश ले लिया  फिर उन्हें ऑक्सफर्ड में ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई करने के दौरान दैनिक कार्यों में दिक्कत आने लगी फिर एक बार वह छुट्टी बनाने अपने घर आए थे क्योंकि उन्हें लगने लगा था कि मेरी तबीयत थोड़ी खराब सी है क्योंकि वह थोड़ा सा भी काम करने के समय कभी गिर जाते थे लेकिन उन्होंने समझा कि यह मुझे कमजोरी की वजह से हो रहा है लेकिन बार-बार ऐसे प्रॉब्लम होने से उन्हें भी नहीं समझ आ रहा था कि मुझे हो क्या गया है
एक बार वह सीढ़ी से उतर रहे थे और अचानक से वह गिर गए तभी उनके पिता की उन पर नजर पड़ी उनके पिता बार-बार देख रहे थे कि मेरे बेटे की तबीयत थोड़ी खराब सी है फिर उनके पिता ने उन्हें एक बहुत बड़े डॉक्टर से दिखाया डॉक्टर ने उनके टेस्ट किए और जब टेस्ट में रिपोर्ट आई तो डॉक्टर ने कहा उन्हें कभी ना ठीक होने वाली बीमारी है जिस बीमारी का नाम न्यूरॉन मोटर रोग था इस बीमारी में शरीर के सारे मांसपेशियों की नसे काम करना धीरे-धीरे बंद कर देती है यह एक ऐसी बीमारी थी और यह बीमारी से इंसान का पूरा शरीर अपंग हो जाता है और उसका शरीर काम करना बंद कर देता है डॉक्टरों का कहना था स्टीफन बस 2 वर्ष और जी सकते हैं अगले 2 सालों में स्टीफन का पूरा शरीर धीरे धीरे काम करना बंद कर देगा डॉक्टर की यह बात सुनकर स्टीफन को बहुत बड़ा सदमा लगा? सोचो इस बात को सुनकर उस इंसान को सदमा क्यों नहीं लगेगा जरूर लगेगा क्योंकि जिस इंसान ने बचपन में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से एक कंप्यूटर बनाया जो गणित में इतना होशियार जिसे बच्चे स्कूल में आइंस्टाइन कह के बुलाया करते थे तो सोचो उस इंसान ने भविष्य के बारे में क्या क्या सोच रखा होगा और उसे अचानक पता चलता है कि उसके पास जीने के लिए बस 2 वर्ष की जिंदगी है तो अब शुरू होती है स्टीफन हॉकिंग की सही सोच की जर्नी उन्हें क्या सोचकर क्या फैसला करना है इसे आप पूरा ध्यान से पढ़ना यह आपको आगे बढ़ने की बहुत ज्यादा प्रेरणा देने वाली है यह कहानी
कठिन स्थिति के बावजूद, यदि आप इसे लड़ते हैं और जीतते हैं, तो केवल आप शीर्ष पर लहरेंगे!
   एक बात सुन, अगर आपकी सोच ऊँची है, तो यह पहाड़ भी कुछ नहीं है!
-दोस्तों स्टीफन हॉकिंग की ऐसे बहुत से महान कार्य है जिसके बारे में हम बताने बैठे तो सालों बीत जाएंगे तो हम आपको सिर्फ उनके महान वैज्ञानिक बनने के सही सोच के फैसले के बारे में बताते हैं स्टीफन हॉकिंग जैसे उनके पास 2 साल की जिंदगी बची है यह बात सुनकर वह जैसे सदमे में ही चले गए और उन्होंने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया उनके फैमिली वाले बहुत परेशान होने लगे लेकिन जैसे तैसे उनकी फैमिली ने उन्हें मना लिया और बोले बेटा तुम आगे की चिंता क्यों करते हो तुम्हें जो करना है करो तुम्हारे पास जो बाकी की जिंदगी है उसमें जो करना है करो और दोस्तों मैं बता देता हूं स्टीफन हॉकिंग बहुत ज्यादा इटालियन फैमिली से बिलोंग करते थे उनके माता-पिता बहुत ही ज्यादा पढ़े लिखे थे इसीलिए उनके विचार भी बहुत ही उत्तम थे यह दिन स्टेशन पार्क में घूम रहे थे तभी उनकी नजर एक कैंसर पीड़ित बच्चे पर पड़ी वह अपनी लाइफ बहुत अच्छी तरीके से जी रहा था वह अपनी लाइफ में हर तरीके के मजे ले रहा था क्योंकि आगे की किसने सूची है एक ना एक दिन मरना तो सबको ही है इस दृश्य को देखकर फिर उन्होंने सोचा कि मैं ऐसे ही नहीं मर सकता मुझे जीवन में बहुत कुछ करना तो बाकी है देखा दोस्तों यही सोच इनके आगे की सही जिंदगी दर्शाती है स्टीफन हॉकिंग ने अपनी बीमारी को भुला कर अपने वैज्ञानिक जीवन का सफर शुरू किया और अपना पूरा जीवन विज्ञान को समर्पित कर दिया धीरे-धीरे समय बीतता गया और दुनिया उन्हें एक महान वैज्ञानिक की तरह पहचानने लगी लेकिन कहते हैं ना जहां सब सही चल रहा हो वहां मुश्किल परिस्थिति अपना रास्ता बना लेती है स्टीफन हॉकिंग का शरीर धीरे-धीरे उनका साथ छोड़ने लगा और उनका वाया हिस्सा पूरी तरीके से काम करना बंद कर दिया बीमारी बढ़ने पर उन्हें व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा उनकी यह चेयर एक कंप्यूटर्स के साथ बनी है जिसे इंटेल कंपनी ने बनाया है जो उनके सर आंखों और हाथों के  कंपल्स से पता लगा लेती है कि वह क्या बोलना चाहते है धीरे-धीरे स्टीफन का पूरा शरीर काम करना बंद कर दिया लेकिन इस बीमारी से स्टीफन सिर्फ शारीरिक रूप से बीमार हो रहे थे ना कि मानसिक रूप से लेकिन उसके बाद जो हुआ वह सोचने वाली बात है स्टीफन हॉकिंग अपनी मौत को हराते गए और लोग उन्हें देखते गए उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन और ब्लैक होल का कॉन्सेप्ट्स इतनी सरल तरीके से दुनिया को समझाया और तू दोस्तों इससे भी सरल तरीके से दुनिया को समझाने के लिए उन्हें एक किताब भी लिखी
 ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम ( समय का संक्षिप्त इतिहास)

लेकिन इस किताब ने आते ही विज्ञान जगत में तहलका मचा दिया
 दोस्तों स्टीफन हॉकिंग एक ऐसी इंसान है जो कि शारीरिक रूप से विकलांग खोकर भी एक वैज्ञानिक तो नहीं इन्होंने अपने आप को दुनिया का सबसे महान वैज्ञानिक बन कर दिखाया यही चीज इनको दर्शाती है कि यह कितने महान इंसान थे इन्हें अपनी सही सोच पर कितना ज्यादा विश्वास था अगर यह उस वक्त यह सोच लेते कि मेरा अब क्या होगा अब तो मेरे पास इतनी कम जिंदगी बची है अगर वह यही सोचकर अपनी बाकी जिंदगी मजे में लुटा देते तो आज वह इतने महान वैज्ञानिक बनते! जैसे कि उन्होंने कहा था कि मैं ऐसे ही नहीं मर सकता अभी मुझे अपनी जिंदगी में कुछ करना है उनकी यही सही सोच आज उन्हें दुनिया का सबसे बड़ा महान वैज्ञानिक बना दिया आज वह है तो नहीं हमारे पास लेकिन उनकी अमर कहानी और दिए गए उनके महान ज्ञान वह सदा हमारे साथ रहेंगे तो दोस्तों कैसी लगी महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की कहानी 
दोस्तों हमारी जिंदगी में मुश्किल समय तो आएंगे ही आएंगे लेकिन उससे लड़ना कैसे हैं आपको तय करना है जब किसी इंसान की जिंदगी में मुश्किल समय आता है ना तब वह लाखों चीजें सोचता है मन में उसमें से कुछ सही होती है और कुछ बुरी होती है अगर तुम सही सोच रहे हो तो उस सही सोच पर तुम्हें विश्वास रखें उसको पूरा कर डालो क्या पता वही तुम्हारी सही सोच तुम्हें भविष्य में क्या से क्या बना दे तुम कहां से कहां पहुंच जाओगे यह तुम्हें खुद भी नहीं पता होगा अब लगता है कि तुम्हें बात समझ में आ गई होगी कि मैं किस सोच की बात कर रहा हूं
 और हां चलो अब उन ग्रहों के बारे में भी जान लिया जाए जो  सौर मंडल की परिक्रमा से बाहर हो गए हैं


चलो जानते इन ग्रहों के बारे में जो सूर्य मंडल की
परिक्रमा से बाहर हो गए।



Solar system 

दोस्तों, ज्यादातर लोग जानते हैं कि हमारे सौर मंडल में 8 या 9 ग्रह हैं, लेकिन अगर हम देखें, तो हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं क्योंकि वे ग्रह हमारे सौर मंडल की परिक्रमा कर रहे हैं, लेकिन जिन ग्रहों की हम बात कर रहे हैं, वे कर रहे हैं।  हमारे सौर मंडल की कक्षा से बाहर।  सौर मंडल में कुल 5 ग्रह हैं, जो सौर मंडल की कक्षा से बाहर हो चुके हैं, लेकिन अगर हम सौर मंडल के बारे में बात करते हैं, तो नौ ग्रहों के बारे में बात करते हैं।  यदि हम करते हैं, तो केवल लोग प्लूटो ग्रह के बारे में सबसे अधिक जानते हैं, फिर हम उन चार ग्रहों के बारे में क्यों नहीं जानते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं उन चार ग्रहों के बारे में जो सौर मंडल से बाहर हो चुके हैं।

ग्रहों का परिचय देता है जो कक्षा से बाहर चले गए हैं



1 सेरेस बौना ग्रह
एक्वाटोरियल डायमीटर 605 MI
 9.4 X Io20 के.जी.
 द्रव्यमान
 MEAN DIST.FROM SUN 257 M MI
 स्थिति पेरियोड
 9 एच 04 एम
 soLAR ORBIT PERIOD 4.6 साल
 0.27 एम / एस?
 सर्फ़े ग्रेविटी
 सर्फ़ टेम्परेचर -59 डिग्री सेल्सियस
 सेरेस एकमात्र बौना ग्रह है जो में स्थित है
   सेरेस का वजन लगभग 1/4 पानी है, जो पृथ्वी की तुलना में वहाँ अधिक ताजे पानी देने वाला है।  यह भी संभव है कि सेरेस के आंतरिक भाग में तरल पानी "महासागर" की एक परत हो।
पानी
 सेरेस का वजन लगभग 1/4 है माना जाता है कि पानी को वुल किया जाता है वहाँ की तुलना में अधिक ताजा पानी सेरेमनी पृथ्वी।  यह भी संभव है कि सेरेस हैसा इसकी आंतरिक में तरल पानी "महासागर" की परत।  "
खोज
सेरेस की खोज 18 वीं शताब्दी के अंत में हुई थी और 50 वर्षों तक इसे एक ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया था। के बीच अधिक निकायों की खोज के बाद मंगल और बृहस्पति, यह करने के लिए आवंटित किया गया था एक क्षुद्रग्रह की स्थिति।  2006 से, सेरेस है
मिशनों
 नासा का डॉन अंतरिक्ष यान होना है
 पहली बार फरवरी 2015 में सेरेस का पता लगाने के लिए
 बर्फ, पानी और की प्रचुरता
 खनिज, सेरेस एक क्षमता के रूप में काम कर सकता है
 मानवयुक्त लैंडिंग के लिए साइट के साथ-साथ ए
 गहरे अंतरिक्ष अभियानों के लिए लॉन्चिंग बिंदु।
तो दोस्तों, आपको सेरेस ग्रह के बारे में इतना कुछ जान के कैसा लगा, तो चलिए हम आपको अन्य ग्रहों से भी दोस्ती करते हैं



2. PLUTO DWARF PLANET
 आवश्यक डायमीटर I 475 MI I.3I X 10 KG MASS MEAN DIST.FROM SUN 40.7 AU ROTATION PERIOD 6.4 DAYYS SOLAR ORBIT PERIOD 248 YEARS 0.66 / s SURFACE GRAVITY sURFACE TEMPERATURE-378'F
 क्यूपर बेल्ट में प्लूटो सबसे बड़ी वस्तु है।
 यह सबसे बड़ा और दूसरा सबसे बड़ा भी है
 सौर में बड़े पैमाने पर ज्ञात बौना ग्रह
 प्रणाली। 
अक्षीय टीआईएलटी
 यूरेनस की तरह, प्लूटो अपने "पक्ष" के साथ झूठ बोल रहा है
 120 ° का एक अक्षीय झुकाव, जो चरम की ओर ले जाता है
 मौसमी बदलाव।  इसके तल पर;  एक-
 ग्रह का चौथा निरंतर में है
 दिन के उजाले, और निरंतर में एक-चौथाई
 अंधकार।
चांद
 प्लूटो के पांच ज्ञात चंद्रमा हैं: चारोन, निक्स,
 हाइड्रा, केर्बरोस, और स्टाइलक्स।  प्लूटो और
 कैरन को कभी-कभी एक के रूप में वर्णित किया जाता है
 द्विआधारी प्रणाली क्योंकि की barycenter
 उनकी कक्षाएँ शरीर के भीतर नहीं होती हैं।
खोज
 सायरस
 1930 में खगोलशास्त्री क्लाइड द्वारा खोजा गया
 टॉमबाग, प्लूटो को मूल रूप से वर्गीकृत किया गया था
 सूर्य से 9 वां ग्रह।  हालांकि
 के भीतर समान आकार के objeçts की खोज
 कूइपर बेल्ट, इंटरनेशनल प्रेरित
 प्लूटो को फिर से वर्गीकृत करने के लिए खगोलीय संघ
 2006 एक बौना ग्रह।
तो दोस्तों, आपको प्लूटो ग्रह के बारे में कैसा लगा, तो चलिए हम आपको अन्य ग्रहों से भी दोस्ती करते हैं


 
3. हाउमा बौना गृह
 इक्विटिकल डायमीटर I08I MI 3.4 X Io KG MASS
 MEAN DIST.FROM SUN 44.1 AU 3H 54M
 परिधि क्रमवार आदेश संख्या 283 YEARS 0.44 M / sa न्यायिक योग्यता
 सतह तापमान -369 ° F
 दिसंबर 2004 में खोजा गया, Haumea है
 सूर्य से तीसरा निकटतम बौना ग्रह
 और सबसे तेज़ कताई ज्ञात बड़ी वस्तु
सौर मंडल में।
आकार
 Haumea के चरम बढ़ाव शायद है
 इसके इतनी तेजी से घूमने के कारण यह मुड़ गया
 Haumea एक दीर्घवृत्त में और यह कर दिया
 बौने ग्रहों के कम से कम गोलाकार मूल
मूल
 शुरुआती सौर मंडल में, ह्यूमिया हो सकता है
 प्लूटो की तरह बहुत कुछ किया गया है, आधे से बना है
 चट्टान का और पानी का आधा।  अरबों साल
 पहले, एक बड़ी वस्तु को टकराने के लिए वर्गीकृत किया जाता है
 शरीर के साथ, सतह की सबसे अधिक खटखटाते हुए
 दूर बर्फ और एक तेजी से स्पिन प्रदान करने के लिए
 बौना गृह।
 की नकल की
चांद
 ह्यूमिया के दो चंद्रमा हैं: बड़ा, हाय'का,
 Haumea के रूप में बड़े पैमाने पर के बारे में केवल 1% है .. जबकि छोटे, नमका का वजन होता है
 लगभग दसवें हिस्से में।  दोनों चन्द्रमा हैं
 लगभग शुद्ध से बना माना जाता है
 पानी-बर्फ, जो मूल रूप से आ सकता है
 तो दोस्तों, आपको हाउमा के बारे में कैसा लगा, तो चलिए हम आपको अन्य ग्रहों से भी दोस्ती करते हैं



4. मेकमाईव DWARF प्लान्ट
 एक्जक्यूटिव डायमीटर 889 MI
 3.1X 10 KG MASS MEAN DIST.FROM SUN 45.6 AU ROTATION PERIOD 22H 49M soLAR ORBIT PERIOD 310 YEARS SURFACE TEMPERATURE -400 ° F मार्च 2005 में खोजा गया, Makemake सूर्य का दूसरा सबसे बड़ा बौना ग्रह है: यह
 प्लूटो की तुलना में तीसरा सबसे बड़ा बौना ग्रह है, जो थोड़ा छोटा है और हल्का है।
COMPOSITION Makemake (रचना मकेमेक)
की सतह को लगभग शुद्ध मीथेन बर्फ की बड़ी मात्रा के साथ कवर किया गया है, जो बौने ग्रह को लाल-भूरे रंग का दिखाई देता है। डेटा की कमी
 माकेमेक और सेडना सबसे कम-अच्छी तरह से हैं-
 बड़े ट्रांस-नेप्च्यूनियन वस्तुओं का पता।
 के एकमात्र ज्ञात चंद्रमा की खोज
 बौने ग्रह Makemake आधिकारिक नाम दिया है
 हबल स्पेस का उपयोग कर एस / 2015 (136472) 1
 2016 में टेलिस्कोप ने माकेमेक की अनुमति दी
 बड़े पैमाने पर निर्धारित किया जाना है।
 तो दोस्तों, आपको मकेमेक के बारे में कैसा लगा, तो चलिए हम आपको अन्य ग्रहों से भी दोस्ती करते हैं



5. ERIS DWARF PLANET
 एक्वाटोरियल डाइमेस्टर I 445 MI I.66 X 1o20 KG MASS MEAN DIST.FROM SUN 4.4 UU
 परिधि परिधि १.०L डीएएलएआरएआरआईएलटी पेरियोड ५६० वर्ष ०. M३ मीटर / सेकंड सतह घनत्व सतह तापमान -382 ° F जनवरी 2005 में खोजा गया, एरिस है
 सूर्य से सबसे दूर का बौना ग्रह  यह है सबसे भारी और दूसरा भी सौर में सबसे बड़ा ज्ञात बौना ग्रह है प्रणाली।
प्रणाली।  आकार
 9 वीं सबसे बड़ी / सबसे भारी वस्तु के रूप में
 सीधे सूर्य की परिक्रमा करने के लिए जाना जाता था, एरिस था संक्षेप में 10 वें ग्रह के रूप में जाना जाता है।  एरीस
 आधिकारिक तौर पर बौना ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया था अगस्त 2006।
की परिक्रमा
 इसकी अत्यधिक विलक्षण कक्षा एरिस को ऊपर ले जाती है सूर्य से तीन गुना अधिक दूर
 प्लूटो।  लंबी अवधि के धूमकेतु के अलावा, एरिस
 और इसका चंद्रमा वर्तमान में सबसे दूर है
 सौर मंडल में ज्ञात प्राकृतिक वस्तुएँ।
वायुमंडल
 एरिस अक्सर सूर्य से इतना दूर होता है कि इसके
 वातावरण ध्वस्त हो जाता है और जमा देता है
 बर्फीले शीशे में सतह।  जैसे-जैसे एरिस करीब आता जाता है सूर्य के लिए, यह उम्मीद है कि सतह
 गर्म होगा और एक चट्टानी सतह को प्रकट करेगा।
 तो दोस्तों, आपको एरिस के बारे में कैसा लगा, तो चलिए हम आपको अन्य ग्रहों से भी दोस्ती करते हैं

तो कैसा लगा आपको कुछ सौरमंडल के ग्रहों के बारे में जान के जो कि अपने परिक्रमा से बाहर हो रखे हैं तो क्या कभी आपने ऐसे ग्रहों के बारे में कभी सोचा था और नहीं सोचा था तो सोचिए और भी ग्रह हो सकते हैं जो आप सो सकते हैं आप इनके बारे में और जानकारियां निकाल सकते हैं तो इसी को कहते हैं महत्वपूर्ण सोच जैसे कि हमने एक महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की सोच के बारे में आपको बताया! और मन उड़ाने वाली स्टीफन हॉकिंग की कहानी भी बताई अगर हमने स्टीफन हॉकिंग के बारे में कुछ भी बुरा कह दिया हो तो हमें प्लीज माफ कर देना और ऐसे यूनिक स्टडीज  ब्लॉग पढ़ने के लिए आप हमारे वेबसाइट को फॉलो कर सकते हैं और कमेंट करके बता सकते हैं कि आपको किस बारे में आपको और ब्लॉग चाहिए


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