ARTICLE (महेंद्र सिंह धोनी की अद्भुत सोच)
अगर आप महेंद्र सिंह धोनी के अद्भुत सोच के बारे में जानोगे तो आप अपनी जिंदगी में कुछ कर जाने की चाहत रखोगे
:तो चलिए दोस्तों जानते हैं महेंद्र सिंह धोनी के अद्भुत सोच की कहानी के बारे में कि वह कैसे इतने बड़े क्रिकेट खिलाड़ी बने और उन्होंने कैसे सोचा यह कर जाने का और अपने अंदर के जज्बा को जगाने का, तो दोस्तों जान लो जिंदगी जीने के दो पहलू के बारे में
1.अगर तुमको अपनी जिंदगी में जो चीज पसंद है उसको हासिल कर लो
2.या फिर जो चीज तुम्हें हासिल है उसे पसंद करना सीख लो!
और यह कहानी इसी चीज को दर्शाती है और इस महान इंसान की सोच तुम्हें यही बताती है! की जिंदगी मिली है तुमको यह एक, इसे तू अपना मान लें सात जन्म के सपने मत देख, इसे तू एकलौता ही मानले तुझको जो है करना बस इसी जिंदगी में कर जाना क्या पता आगे मौका मिले या ना मिले! दोस्तों इस कहानी को पूरा पढ़ना यह कहानी तुम को आगे बढ़ने में प्रेरित करेगी!
:महेंद्र सिंह धोनी, एम एस धोनी, माही, या फिर कैप्टन कूल कहो वैसे तो इनकी पूरी कहानी हम ने इनकी बनी बायोपिक फिल्म महेंद्र सिंह धोनी द अनटोल्ड स्टोरी में देख ली थी! तो हम महेंद्र सिंह धोनी के महत्वपूर्ण सोच के बारे में जानेंगे कि उन्होंने कैसे दुनिया का बेस्ट फिनिशर बन्ना सोचा!
M.S DHONIMahendra Singh Dhoni introduction
:दोस्तों महेंद्र सिंह धोनी का सफर इतना भी आसान नहीं था! और यह आप लोगों ने उनकी बनी बायोपिक फिल्म एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी में देख होगा!
तो धोनी को बचपन से ही खेल में दिलचस्पी थी और साथ ही वह पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे! एम एस धोनी आज भले ही सफल क्रिकेटर की तौर पर जाने जाते हैं! लेकिन उन्हें बचपन में फुटबॉल और बैडमिंटन का काफी ज्यादा शौक था! और उस समय उन्होंने शायद कभी क्रिकेट के बारे में सोचा भी नहीं था! अगर हम उनके फुटबॉल खेल के बारे में बात करें तो वह इस खेल में इतने अच्छे थे कि छोटे से ही उम्र में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट और क्लब स्तर पर खेलना शुरू कर दिया था और वह अपनी फुटबॉल टीम में गोलकीपर के रूप में खेलते थे!
:और धोनी ने फुटबॉल में गोलकीपर की तौर पर अच्छा प्रदर्शन दिया फिर एक दिन उनके फुटबॉल कोच ने उनके अच्छे गोलकीपिंग खेल को देखते हुए उनसे कहा कि तुम फुटबॉल में इतनी अच्छी गोलकीपिंग करते हो तो तुम क्रिकेट में कोशिश क्यों नहीं करते हो! और फिर धोनी अपने कोच की बात सुनकर सोच में पड़ गए क्योंकि उन्होंने कभी क्रिकेट नहीं खेला था! लेकिन धोनी ने अपने कोच की बात को गंभीरता से लेते हुए कोच को जाकर कहा कि मैं क्रिकेट खेलूंगा!
: क्योंकि दोस्तों धोनी को अपने सही सोच पर पूरा विश्वास था कि मैं क्रिकेट खेल सकता हूं!
:दोस्तों हर इंसान अपने जीवन में कुछ ना कुछ बड़ा करने की सोचता ही है लेकिन वह डर जाता है वह अपने ऊपर पूरा विश्वास नहीं कर पाता और वह सही सोचने की जगह पर सोचता है कि अगर मैं इस चीज में कामयाब नहीं हो पाया तो मेरा आगे क्या होगा और जिस दिन तुमने यह सोच लिया उस दिन तुम अपनी कामयाबी को तो छोड़ो तुम हर काम में आगे बढ़ने से डरोगे!
M.S DHONI:फिर धोनी के कोच ने धोनी को क्रिकेट में हाथ आजमाने के लिए भेजा लेकिन धोनी क्रिकेट के बारे में इतना नहीं जानते थे लेकिन फिर भी उन्होंने अपने विकेट कीपिंग से सब को बहुत प्रभावित किया और फिर वह कमांडो क्रिकेट क्लब के नियमित कीपर बैट्समैन बन गए और उसके बाद तो धोनी फुटबॉल और क्रिकेट दोनों ही डिस्ट्रिक्ट टीम में खेल रहे थे और दोनों जगह में धोनी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे! लेकिन जब तुम्हें कामयाब होना है तो तुमको एक चीज को ही चुनना पड़ेगा और उसमें पूरा जी जान से मेहनत करके अच्छा प्रदर्शन दिखाना होगा और धोनी ने पूरा विश्वास रखते हुए सोचा कि मैं क्रिकेट खेलूंगा और वक्त के साथ-साथ धोनी क्रिकेट के लिए बहुत ज्यादा सीरियस हो गए और दिन रात अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए मेहनत करने लग गए और धीरे-धीरे इनका प्रदर्शन बेहतर से और बेहतर होता चला गया! और धोनी के इसी बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें अंडर-19 स्टेट में सेलेक्ट कर लिया गया और वह अंडर-19 स्टेट टीम के नियमित प्लेयर बन गए!
लेकिन कहते हैं ना जहां सब कुछ सही चल रहा हो वहां कोई गड़बड़ ना हो ऐसा हो सकता है क्या और धोनी के साथ भी कुछ ऐसा हुआ! और उनकी जिंदगी में एक मोड़ आया कि जब इतनी मेहनत के बाद अंडर-19 वर्ल्ड के लिए सिलेक्ट नहीं हो पाए और यहां से शुरू हुआ धोनी का वास्तविक संघर्ष!
धोनी अंडर-19 वर्ल्ड में सेलेक्ट नहीं होने के बाद भी धोनी ने हार नहीं मानी और उन्होंने अपने आप से कहा इतने से नहीं होगा और मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन उनके पिताजी नहीं चाहते थे! कि उनका बेटा क्रिकेटर बने इसलिए अपने पिताजी के कहने पर उने रेलवे मैं टिकट कलेक्टर की जॉब भी करनी पड़ी जहां उन्हें दिन भर काम और फिर प्रैक्टिस करनी पड़ती थी लेकिन उन्होंने कभी भी आशा नहीं छोड़ी उन्होंने अपने आपसे यह नहीं कहा कि मैं अब क्रिकेटर नहीं बन पाऊंगा! अगर वह यह सोच लेते तो धोनी धोनी नहीं होते और यही उनकी सकारात्मक सोच बताती है कि यह एक महान इंसान है, लेकिन इतनी मुश्किल परिस्थितियों के बाद भी धोनी ने कभी हार नहीं मानी और हर साल वह नेशनल के ट्रायल्स दिया करते थे लेकिन बदकिस्मती से वह हर बार सेलेक्ट नहीं हो पाते थे! और यह स्ट्रगल 3 साल तक ऐसा ही चलता रहा! पर कहते हैं ना कामयाबी तब तक तुम्हारे सामने नहीं झुकती जब तक तुम्हारे पास उसको पाने के लिए जिद नहीं आ जाती और फिर धोनी ने सोचा कि ऐसे काम नहीं चलेगा अगर मुझे क्रिकेटर बनना है तो मुझे टिकट कलेक्टर की नौकरी छोड़नी पड़ेगी! और फिर धोनी ने फैसला लिया कि वह अपनी टिकट कलेक्टर की नौकरी छोड़ कर अपना सारा ध्यान नेशनल की टीम में सेलेक्ट होने पर लगाएंगे और उन्होंने अपना फैसला सही साबित करके दिखाया!
और उसके बाद धोनी 1 साल के अंदर ही इंडियन टीम में सेलेक्ट हो गए थे! उन्होंने पहली बार इंडियन टीम की तरफ से खेला लेकिन उनके शुरुआती 4 इंटरनेशनल मैच में उनका स्कोर इतना अच्छा नहीं रहा! और इसके बाद उन्हें यह भी नहीं पता था कि अगले मैच में उन्हें मौका मिलेगा या फिर नहीं और तब तक उन्हें कोई जानता भी नहीं था! लेकिन कहते हैं ना अपने सपनों के पीछे इतना भागों की एक दिन तुम्हें पाना लोगों के लिए सपना बन जाए! और फिर इस बंदे ने अपने पांच में इंटरनेशनल मैच में नॉट आउट 183 का स्कोर बनाकर पहचान करा दी कि धोनी कौन है! और क्रिकेट में ऐसे कई रिकॉर्ड बनाए जिससे शायद ही भविष्य में कोई तोड़ पाए और तो इन्हें दुनिया के सबसे फास्टेस्ट विकेट स्टंपिंग में पहले नंबर पर गिना जाता है! और आज धोनी सक्सेसफुल क्रिकेटर होने के साथ-साथ धोनी एक सक्सेसफुल कैप्टन भी है और वह 100 से भी ज्यादा ब्रांड के ब्रांड एंबेसडर रह चुके हैं और आप धोनी के ब्रांड वैल्यू का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं धोनी एक ब्रांड एंडऑर्स के 14 से ₹15 करोड़ों रुपए चार्ज करते हैं आज के समय में धोनी इंडिया के सबसे बड़े सेलिब्रिटीज में से एक है! तो दोस्तों यही थी महेंद्र सिंह धोनी की सफलता की अद्भुत सोच की कहानी मुझे आशा है कि आपको अच्छी लगी होगी
तो दोस्तों आपने महेंद्र सिंह धोनी की सफलता की अद्भुत सोच की कहानी के बारे में जाना जैसे कि उन्होंने कैसे निर्णय लिया कि मैं क्रिकेटर बन सकता हूं! तो दोस्तों हम सभी के अंदर कोई ना कोई कामयाब इंसान छुपा बैठा है बस देरी है तो उसे ढूंढने की और जिस दिन तुम उसे ढूंढ कर अपना बना लोगे और फिर देखना पूरी दुनिया तुम्हें अपना बनाना चाहेगी!
क्योंकि जब हम कामयाब नहीं होते तो टूट जाता है वो रिश्ता जो बहुत खास होता है हजारों यार बनते हैं जब सक्सेस अपने पास होता है! हमेशा याद रखना इस बात को;
पढ़ने के लिए धन्यवाद
महत्वपूर्ण सूचना।
और यह बात भी तुम याद रखो कामयाब हो तुम अगर कामयाबी है तुम्हारी किसी से अपनी कामयाबी की खैरात मत लेना क्योंकि वह तुम्हें कामयाब नहीं तुम पर एक एहसान कर के गया है! माना कि जब मेहनत करोगे तो हंसेगी दुनिया लेकिन जब तुम कामयाब बनोगे तो जलेगी दुनिया और यही जिंदगी का सच है लेकिन फैसला तुम्हें करना है कि खैरात या मेहनत
तो दोस्तों यही थी इस कहानी की प्रेरणा अगर हमने महेंद्र सिंह धोनी के बारे में कुछ भी भला बुरा कह दिया हो तो हमें माफ करना और ऐसी प्रेरक कहानी पढ़ने के लिए आप हमें कमेंट कर सकते हैं और हमारी वेबसाइट को फॉलो करना ना भूलें!
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