Friday, December 25, 2020

(सौर मंडल के ऐसे ग्रहों के बारे में कभी सोचा भी नहीं होगा और, जाने स्टीफन हॉकिंग की एक अद्भुत सोच की कहानी को) -Saur mandal ke aise grahon ke baare mein kabhee socha bhee nahin hoga aur, jaane steephan Hawking kee ek adbhut soch kee kahaanee ko)-

                                BLOG  
              आइए जानते हैं ग्रहों के बारे में 
              



- चलो जानते हैं कि हमारे सौर्य मंडल में कितने ग्रह और
कितने उनके प्रकृतिक उपग्रह हैं
 
आइए Solar system के बारे में पढ़ें, क्या आप ग्रहों के बारे में जानते हैं?  इसलिए ग्रहों से, हमारे पास हमेशा से यह है कि सौर मंडल में 8 ग्रह हैं, लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि नौ ग्रह हैं।  यह सोचा जाता है कि हम जिस शहर में रहते हैं, वह कितना बड़ा शहर है और यह देश कितने बड़े हैं, यह शहर कितना बड़ा है, यह देश कहां है और यह दुनिया कहां है, यानी पृथ्वी कितनी बड़ी है, इसका मतलब है कि हमारा सौर मंडल  यह इस तरह है। हम अक्सर अपने ग्रह पृथ्वी से देखते हैं कि दिन में यह सूरज कितना बड़ा है और रात में चंद्रमा कितना मीठा है।  क्या चमकता है?  यह कहां से आता है?  क्या हमने कभी सोचा है कि हम सभी दिन या रात के दौरान आकाश को देखते हैं।  आसमान की तरफ देखते हुए।  हम वास्तव में अंतरिक्ष में देख रहे हैं।  अंतरिक्ष में कुछ चीजों को नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है।  ब्रह्मांड में अंतरिक्ष की तुलना में कई और चीजें हैं जैसे कि आकाशगंगा, तारे, ग्रह, उल्कापिंड, उल्कापिंड, क्षुद्रग्रह, उपग्रह आदि। लेकिन आप हमारे सौर मंडल में कितने ग्रह हैं और उन ग्रहों के प्राकृतिक उपग्रह कितने हैं।





    












-अंतरिक्ष में यूं तो ऐसे बहुत से ग्रह है जिनके बारे में आज तक नासा के साइंटिस्ट भी नहीं पता कर पाए हैं लेकिन आज हम पढ़ेंगे की उन ग्रहों के बारे में जो सूर्य मंडल के अंदर है और सूर्य मंडल की orbit से बाहर हो गए हैं आपने कभी सोचा नहीं है कि हमारा सूर्य मंडल कितना बड़ा है आपने बिल्कुल सोचा होगा क्यों नहीं सोचा होगा अक्सर साइंस की किताबों में पढ़ते हैं कि हमारे सूर्य मंडल में कितने बड़े-बड़े ग्रह है जैसे कि बुध ग्रह, शुक्र ग्रह, मंगल ग्रह, शनि ग्रह, बृहस्पति ग्रह, अत्याधिक ग्रह है?


-लेकिन हम आपको कुछ ऐसे ग्रहों और उनके प्राकृतिक उपग्रहों के बारे में आपको पूरी जानकारी देंगे जिसके बारे में आप शायद से ही जानते होंगे और इसको पूरा ध्यान से पढ़ें यूं तो हमारे सूर्य मंडल में कितने ग्रह हैं लेकिन उन ग्रहों में पृथ्वी के मुताबिक इंसानों के लिए जीवन नहीं है ऐसा बड़े बड़े वैज्ञानिक कह चुके हैं और नासा के भी वैज्ञानिक अभी तक इस पर खोज कर रहे हैं

-क्या आपने कभी सोचा है कि पृथ्वी ग्रह के पास इंसानों के लिए आवश्यक सब कुछ है, पीने के लिए पानी, खाने के लिए भोजन, घर बनाने के लिए मिट्टी और पत्थर, सांस लेने के लिए ताज़ा हवा और प्रकृति का इतना अच्छा वातावरण देखकर दिल खुश हो जाता है, क्या आपने कभी सोचा नहीं है  ये बातें, यह बात कहाँ से आई, खाना कहाँ से आया, पीने के लिए पानी कहाँ से आया, घर के लिए मिट्टी और पत्थर कहाँ से आए और कहाँ रहते थे, यानी धरती कहाँ से आई?  , यह कब और कैसे पैदा हुआ था, लेकिन अब हमारे कई महान वैज्ञानिकों ने इस बारे में जानकारी निकाली है कि पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ, इसलिए आपके पास इंटरनेट पर बहुत कुछ है जो आपको सारी जानकारी मिल जाएगी।
लेकिन हम सोचने के बारे में बात कर रहे हैं जिन लोगों ने इसके बारे में जानकारी निकाली है, उन्होंने नहीं सोचा होगा क्या जी बिल्कुल हजारों बार सोचा होगा, तभी तो उन्होंने इतनी बड़ी जानकारी निकाली है, इसे ही महत्वपूर्ण सोच कहा जाता है, दोस्तों सही देखो सही परको सही सोचो सही करो क्या पता यही सही सोच आपको भविष्य में क्या से क्या बना दे?
 रहने दो आपको समझ नहीं आएगा तो चलो आपको विस्तार से समझाते हैं किसी महान इंसान की कहानी सुनाती है और उनके सोच के बारे में बताते हैं

-जी हां हम बात कर रहे हैं स्टीफन हॉकिंग की अरे इन्हे कौन नहीं जानता और जो इन्हे नहीं जानते वह इनके शरीर पर मत जाना चाहो तो इनके बारे में इंटरनेट से और जान लेना जहां बात कर रहे हैं सौर मंडल की और महत्वपूर्ण सोच कि तू स्टीफन हॉकिंग का नाम ना ले ऐसा हो सकता है क्या उनकी कहानी के बारे में ना बताएं ऐसा हो सकता है क्या चलो जानते हैं महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की सोच के बारे में जो फिजिक्स को जानते है वह स्टीफन हॉकिंग को जानते है जो ब्लैक होल और थ्योरी को जानते हैं वह स्टीफन हॉकिंग को जानते हैं अगर हम इन्हें अंतरिक्ष का भगवान कहे तो इसमें कोई शक नहीं अगर हम इन्हें विज्ञान का भगवान कहे तो इसमें भी कोई शक नहीं चलो उनकी एक कहीं बात बताते हैं एक बार उन्होंने कहा था कि मुझे मौत से कोई डर नहीं लगता लेकिन मुझे मरने की भी कोई जल्दी नहीं है क्योंकि मुझे मरने से पहले जिंदगी में बहुत कुछ करना बाकी है यह कहना था महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जिसके शरीर का कोई भी अंग काम नहीं करता वह चल नहीं सकते वह बोल नहीं सकते वह कुछ करभी नहीं सकते लेकिन फिर भी जीना चाहते हैं तो सोचो उस इंसान की सोच क्या होगी स्टीफन हॉकिंग का कहना है कि मृत्यु तो निश्चित लेकिन जन्म और मृत्यु हम तय नहीं कर सकते लेकिन जीना कैसी है यह हम तय कर सकते हैं हमारी जिंदगी में मुश्किल समय तो आएंगे ही आएंगे चाय जिंदगी कितनी भी मुश्किल क्यों ना हो आप जरूर कुछ ना कुछ कर सकते हैं और सफलता की ओर बढ़ सकते हैं

परिचय
-स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी  1942 में इंग्लैंड के ऑक्सफर्ड में हुआ था और तू उस वक्त दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था इनका पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंस था स्टॉकिंग के माता-पिता लंदन हाईगेट सिटी में रहते थे लेकिन वहां पर अक्सर बमबारी हुआ करती थी जिसके वजह से वह अपने पुत्र के जन्म के लिए ऑक्सफर्ड चले आए जहां पर उनका सुरक्षित जन्म हो सका फिर वह ऑक्सफर्ड में ही रहने लगे स्टीफन बचपन से ही बहुत बुद्धिमान थे उनके पिताजी नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल में पैरासाइटोलॉजी रिसर्च थे और उनकी माताजी हाउसवाइफ थी
स्टीफन हॉकिंग के बुद्धिमान होने का परिचय इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें लोग स्कूल में आइंस्टाइन कहकर बुलाया करते थे और तो यहां तक कि उन्होंने पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से एक कंप्यूटर तक भी बना दिया था तो सोचो उस इंसान की बुद्धि का कितना महत्व होगा वह इंसान सोचता क्या होगा सोचो औरतों वह गणित में भी बहुत होशियार थे फिर उन्होंने 17 साल की उम्र में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश ले लिया  फिर उन्हें ऑक्सफर्ड में ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई करने के दौरान दैनिक कार्यों में दिक्कत आने लगी फिर एक बार वह छुट्टी बनाने अपने घर आए थे क्योंकि उन्हें लगने लगा था कि मेरी तबीयत थोड़ी खराब सी है क्योंकि वह थोड़ा सा भी काम करने के समय कभी गिर जाते थे लेकिन उन्होंने समझा कि यह मुझे कमजोरी की वजह से हो रहा है लेकिन बार-बार ऐसे प्रॉब्लम होने से उन्हें भी नहीं समझ आ रहा था कि मुझे हो क्या गया है
एक बार वह सीढ़ी से उतर रहे थे और अचानक से वह गिर गए तभी उनके पिता की उन पर नजर पड़ी उनके पिता बार-बार देख रहे थे कि मेरे बेटे की तबीयत थोड़ी खराब सी है फिर उनके पिता ने उन्हें एक बहुत बड़े डॉक्टर से दिखाया डॉक्टर ने उनके टेस्ट किए और जब टेस्ट में रिपोर्ट आई तो डॉक्टर ने कहा उन्हें कभी ना ठीक होने वाली बीमारी है जिस बीमारी का नाम न्यूरॉन मोटर रोग था इस बीमारी में शरीर के सारे मांसपेशियों की नसे काम करना धीरे-धीरे बंद कर देती है यह एक ऐसी बीमारी थी और यह बीमारी से इंसान का पूरा शरीर अपंग हो जाता है और उसका शरीर काम करना बंद कर देता है डॉक्टरों का कहना था स्टीफन बस 2 वर्ष और जी सकते हैं अगले 2 सालों में स्टीफन का पूरा शरीर धीरे धीरे काम करना बंद कर देगा डॉक्टर की यह बात सुनकर स्टीफन को बहुत बड़ा सदमा लगा? सोचो इस बात को सुनकर उस इंसान को सदमा क्यों नहीं लगेगा जरूर लगेगा क्योंकि जिस इंसान ने बचपन में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से एक कंप्यूटर बनाया जो गणित में इतना होशियार जिसे बच्चे स्कूल में आइंस्टाइन कह के बुलाया करते थे तो सोचो उस इंसान ने भविष्य के बारे में क्या क्या सोच रखा होगा और उसे अचानक पता चलता है कि उसके पास जीने के लिए बस 2 वर्ष की जिंदगी है तो अब शुरू होती है स्टीफन हॉकिंग की सही सोच की जर्नी उन्हें क्या सोचकर क्या फैसला करना है इसे आप पूरा ध्यान से पढ़ना यह आपको आगे बढ़ने की बहुत ज्यादा प्रेरणा देने वाली है यह कहानी
कठिन स्थिति के बावजूद, यदि आप इसे लड़ते हैं और जीतते हैं, तो केवल आप शीर्ष पर लहरेंगे!
   एक बात सुन, अगर आपकी सोच ऊँची है, तो यह पहाड़ भी कुछ नहीं है!
-दोस्तों स्टीफन हॉकिंग की ऐसे बहुत से महान कार्य है जिसके बारे में हम बताने बैठे तो सालों बीत जाएंगे तो हम आपको सिर्फ उनके महान वैज्ञानिक बनने के सही सोच के फैसले के बारे में बताते हैं स्टीफन हॉकिंग जैसे उनके पास 2 साल की जिंदगी बची है यह बात सुनकर वह जैसे सदमे में ही चले गए और उन्होंने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया उनके फैमिली वाले बहुत परेशान होने लगे लेकिन जैसे तैसे उनकी फैमिली ने उन्हें मना लिया और बोले बेटा तुम आगे की चिंता क्यों करते हो तुम्हें जो करना है करो तुम्हारे पास जो बाकी की जिंदगी है उसमें जो करना है करो और दोस्तों मैं बता देता हूं स्टीफन हॉकिंग बहुत ज्यादा इटालियन फैमिली से बिलोंग करते थे उनके माता-पिता बहुत ही ज्यादा पढ़े लिखे थे इसीलिए उनके विचार भी बहुत ही उत्तम थे यह दिन स्टेशन पार्क में घूम रहे थे तभी उनकी नजर एक कैंसर पीड़ित बच्चे पर पड़ी वह अपनी लाइफ बहुत अच्छी तरीके से जी रहा था वह अपनी लाइफ में हर तरीके के मजे ले रहा था क्योंकि आगे की किसने सूची है एक ना एक दिन मरना तो सबको ही है इस दृश्य को देखकर फिर उन्होंने सोचा कि मैं ऐसे ही नहीं मर सकता मुझे जीवन में बहुत कुछ करना तो बाकी है देखा दोस्तों यही सोच इनके आगे की सही जिंदगी दर्शाती है स्टीफन हॉकिंग ने अपनी बीमारी को भुला कर अपने वैज्ञानिक जीवन का सफर शुरू किया और अपना पूरा जीवन विज्ञान को समर्पित कर दिया धीरे-धीरे समय बीतता गया और दुनिया उन्हें एक महान वैज्ञानिक की तरह पहचानने लगी लेकिन कहते हैं ना जहां सब सही चल रहा हो वहां मुश्किल परिस्थिति अपना रास्ता बना लेती है स्टीफन हॉकिंग का शरीर धीरे-धीरे उनका साथ छोड़ने लगा और उनका वाया हिस्सा पूरी तरीके से काम करना बंद कर दिया बीमारी बढ़ने पर उन्हें व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा उनकी यह चेयर एक कंप्यूटर्स के साथ बनी है जिसे इंटेल कंपनी ने बनाया है जो उनके सर आंखों और हाथों के  कंपल्स से पता लगा लेती है कि वह क्या बोलना चाहते है धीरे-धीरे स्टीफन का पूरा शरीर काम करना बंद कर दिया लेकिन इस बीमारी से स्टीफन सिर्फ शारीरिक रूप से बीमार हो रहे थे ना कि मानसिक रूप से लेकिन उसके बाद जो हुआ वह सोचने वाली बात है स्टीफन हॉकिंग अपनी मौत को हराते गए और लोग उन्हें देखते गए उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन और ब्लैक होल का कॉन्सेप्ट्स इतनी सरल तरीके से दुनिया को समझाया और तू दोस्तों इससे भी सरल तरीके से दुनिया को समझाने के लिए उन्हें एक किताब भी लिखी
 ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम ( समय का संक्षिप्त इतिहास)

लेकिन इस किताब ने आते ही विज्ञान जगत में तहलका मचा दिया
 दोस्तों स्टीफन हॉकिंग एक ऐसी इंसान है जो कि शारीरिक रूप से विकलांग खोकर भी एक वैज्ञानिक तो नहीं इन्होंने अपने आप को दुनिया का सबसे महान वैज्ञानिक बन कर दिखाया यही चीज इनको दर्शाती है कि यह कितने महान इंसान थे इन्हें अपनी सही सोच पर कितना ज्यादा विश्वास था अगर यह उस वक्त यह सोच लेते कि मेरा अब क्या होगा अब तो मेरे पास इतनी कम जिंदगी बची है अगर वह यही सोचकर अपनी बाकी जिंदगी मजे में लुटा देते तो आज वह इतने महान वैज्ञानिक बनते! जैसे कि उन्होंने कहा था कि मैं ऐसे ही नहीं मर सकता अभी मुझे अपनी जिंदगी में कुछ करना है उनकी यही सही सोच आज उन्हें दुनिया का सबसे बड़ा महान वैज्ञानिक बना दिया आज वह है तो नहीं हमारे पास लेकिन उनकी अमर कहानी और दिए गए उनके महान ज्ञान वह सदा हमारे साथ रहेंगे तो दोस्तों कैसी लगी महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की कहानी 
दोस्तों हमारी जिंदगी में मुश्किल समय तो आएंगे ही आएंगे लेकिन उससे लड़ना कैसे हैं आपको तय करना है जब किसी इंसान की जिंदगी में मुश्किल समय आता है ना तब वह लाखों चीजें सोचता है मन में उसमें से कुछ सही होती है और कुछ बुरी होती है अगर तुम सही सोच रहे हो तो उस सही सोच पर तुम्हें विश्वास रखें उसको पूरा कर डालो क्या पता वही तुम्हारी सही सोच तुम्हें भविष्य में क्या से क्या बना दे तुम कहां से कहां पहुंच जाओगे यह तुम्हें खुद भी नहीं पता होगा अब लगता है कि तुम्हें बात समझ में आ गई होगी कि मैं किस सोच की बात कर रहा हूं
 और हां चलो अब उन ग्रहों के बारे में भी जान लिया जाए जो  सौर मंडल की परिक्रमा से बाहर हो गए हैं


चलो जानते इन ग्रहों के बारे में जो सूर्य मंडल की
परिक्रमा से बाहर हो गए।



Solar system 

दोस्तों, ज्यादातर लोग जानते हैं कि हमारे सौर मंडल में 8 या 9 ग्रह हैं, लेकिन अगर हम देखें, तो हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं क्योंकि वे ग्रह हमारे सौर मंडल की परिक्रमा कर रहे हैं, लेकिन जिन ग्रहों की हम बात कर रहे हैं, वे कर रहे हैं।  हमारे सौर मंडल की कक्षा से बाहर।  सौर मंडल में कुल 5 ग्रह हैं, जो सौर मंडल की कक्षा से बाहर हो चुके हैं, लेकिन अगर हम सौर मंडल के बारे में बात करते हैं, तो नौ ग्रहों के बारे में बात करते हैं।  यदि हम करते हैं, तो केवल लोग प्लूटो ग्रह के बारे में सबसे अधिक जानते हैं, फिर हम उन चार ग्रहों के बारे में क्यों नहीं जानते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं उन चार ग्रहों के बारे में जो सौर मंडल से बाहर हो चुके हैं।

ग्रहों का परिचय देता है जो कक्षा से बाहर चले गए हैं



1 सेरेस बौना ग्रह
एक्वाटोरियल डायमीटर 605 MI
 9.4 X Io20 के.जी.
 द्रव्यमान
 MEAN DIST.FROM SUN 257 M MI
 स्थिति पेरियोड
 9 एच 04 एम
 soLAR ORBIT PERIOD 4.6 साल
 0.27 एम / एस?
 सर्फ़े ग्रेविटी
 सर्फ़ टेम्परेचर -59 डिग्री सेल्सियस
 सेरेस एकमात्र बौना ग्रह है जो में स्थित है
   सेरेस का वजन लगभग 1/4 पानी है, जो पृथ्वी की तुलना में वहाँ अधिक ताजे पानी देने वाला है।  यह भी संभव है कि सेरेस के आंतरिक भाग में तरल पानी "महासागर" की एक परत हो।
पानी
 सेरेस का वजन लगभग 1/4 है माना जाता है कि पानी को वुल किया जाता है वहाँ की तुलना में अधिक ताजा पानी सेरेमनी पृथ्वी।  यह भी संभव है कि सेरेस हैसा इसकी आंतरिक में तरल पानी "महासागर" की परत।  "
खोज
सेरेस की खोज 18 वीं शताब्दी के अंत में हुई थी और 50 वर्षों तक इसे एक ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया था। के बीच अधिक निकायों की खोज के बाद मंगल और बृहस्पति, यह करने के लिए आवंटित किया गया था एक क्षुद्रग्रह की स्थिति।  2006 से, सेरेस है
मिशनों
 नासा का डॉन अंतरिक्ष यान होना है
 पहली बार फरवरी 2015 में सेरेस का पता लगाने के लिए
 बर्फ, पानी और की प्रचुरता
 खनिज, सेरेस एक क्षमता के रूप में काम कर सकता है
 मानवयुक्त लैंडिंग के लिए साइट के साथ-साथ ए
 गहरे अंतरिक्ष अभियानों के लिए लॉन्चिंग बिंदु।
तो दोस्तों, आपको सेरेस ग्रह के बारे में इतना कुछ जान के कैसा लगा, तो चलिए हम आपको अन्य ग्रहों से भी दोस्ती करते हैं



2. PLUTO DWARF PLANET
 आवश्यक डायमीटर I 475 MI I.3I X 10 KG MASS MEAN DIST.FROM SUN 40.7 AU ROTATION PERIOD 6.4 DAYYS SOLAR ORBIT PERIOD 248 YEARS 0.66 / s SURFACE GRAVITY sURFACE TEMPERATURE-378'F
 क्यूपर बेल्ट में प्लूटो सबसे बड़ी वस्तु है।
 यह सबसे बड़ा और दूसरा सबसे बड़ा भी है
 सौर में बड़े पैमाने पर ज्ञात बौना ग्रह
 प्रणाली। 
अक्षीय टीआईएलटी
 यूरेनस की तरह, प्लूटो अपने "पक्ष" के साथ झूठ बोल रहा है
 120 ° का एक अक्षीय झुकाव, जो चरम की ओर ले जाता है
 मौसमी बदलाव।  इसके तल पर;  एक-
 ग्रह का चौथा निरंतर में है
 दिन के उजाले, और निरंतर में एक-चौथाई
 अंधकार।
चांद
 प्लूटो के पांच ज्ञात चंद्रमा हैं: चारोन, निक्स,
 हाइड्रा, केर्बरोस, और स्टाइलक्स।  प्लूटो और
 कैरन को कभी-कभी एक के रूप में वर्णित किया जाता है
 द्विआधारी प्रणाली क्योंकि की barycenter
 उनकी कक्षाएँ शरीर के भीतर नहीं होती हैं।
खोज
 सायरस
 1930 में खगोलशास्त्री क्लाइड द्वारा खोजा गया
 टॉमबाग, प्लूटो को मूल रूप से वर्गीकृत किया गया था
 सूर्य से 9 वां ग्रह।  हालांकि
 के भीतर समान आकार के objeçts की खोज
 कूइपर बेल्ट, इंटरनेशनल प्रेरित
 प्लूटो को फिर से वर्गीकृत करने के लिए खगोलीय संघ
 2006 एक बौना ग्रह।
तो दोस्तों, आपको प्लूटो ग्रह के बारे में कैसा लगा, तो चलिए हम आपको अन्य ग्रहों से भी दोस्ती करते हैं


 
3. हाउमा बौना गृह
 इक्विटिकल डायमीटर I08I MI 3.4 X Io KG MASS
 MEAN DIST.FROM SUN 44.1 AU 3H 54M
 परिधि क्रमवार आदेश संख्या 283 YEARS 0.44 M / sa न्यायिक योग्यता
 सतह तापमान -369 ° F
 दिसंबर 2004 में खोजा गया, Haumea है
 सूर्य से तीसरा निकटतम बौना ग्रह
 और सबसे तेज़ कताई ज्ञात बड़ी वस्तु
सौर मंडल में।
आकार
 Haumea के चरम बढ़ाव शायद है
 इसके इतनी तेजी से घूमने के कारण यह मुड़ गया
 Haumea एक दीर्घवृत्त में और यह कर दिया
 बौने ग्रहों के कम से कम गोलाकार मूल
मूल
 शुरुआती सौर मंडल में, ह्यूमिया हो सकता है
 प्लूटो की तरह बहुत कुछ किया गया है, आधे से बना है
 चट्टान का और पानी का आधा।  अरबों साल
 पहले, एक बड़ी वस्तु को टकराने के लिए वर्गीकृत किया जाता है
 शरीर के साथ, सतह की सबसे अधिक खटखटाते हुए
 दूर बर्फ और एक तेजी से स्पिन प्रदान करने के लिए
 बौना गृह।
 की नकल की
चांद
 ह्यूमिया के दो चंद्रमा हैं: बड़ा, हाय'का,
 Haumea के रूप में बड़े पैमाने पर के बारे में केवल 1% है .. जबकि छोटे, नमका का वजन होता है
 लगभग दसवें हिस्से में।  दोनों चन्द्रमा हैं
 लगभग शुद्ध से बना माना जाता है
 पानी-बर्फ, जो मूल रूप से आ सकता है
 तो दोस्तों, आपको हाउमा के बारे में कैसा लगा, तो चलिए हम आपको अन्य ग्रहों से भी दोस्ती करते हैं



4. मेकमाईव DWARF प्लान्ट
 एक्जक्यूटिव डायमीटर 889 MI
 3.1X 10 KG MASS MEAN DIST.FROM SUN 45.6 AU ROTATION PERIOD 22H 49M soLAR ORBIT PERIOD 310 YEARS SURFACE TEMPERATURE -400 ° F मार्च 2005 में खोजा गया, Makemake सूर्य का दूसरा सबसे बड़ा बौना ग्रह है: यह
 प्लूटो की तुलना में तीसरा सबसे बड़ा बौना ग्रह है, जो थोड़ा छोटा है और हल्का है।
COMPOSITION Makemake (रचना मकेमेक)
की सतह को लगभग शुद्ध मीथेन बर्फ की बड़ी मात्रा के साथ कवर किया गया है, जो बौने ग्रह को लाल-भूरे रंग का दिखाई देता है। डेटा की कमी
 माकेमेक और सेडना सबसे कम-अच्छी तरह से हैं-
 बड़े ट्रांस-नेप्च्यूनियन वस्तुओं का पता।
 के एकमात्र ज्ञात चंद्रमा की खोज
 बौने ग्रह Makemake आधिकारिक नाम दिया है
 हबल स्पेस का उपयोग कर एस / 2015 (136472) 1
 2016 में टेलिस्कोप ने माकेमेक की अनुमति दी
 बड़े पैमाने पर निर्धारित किया जाना है।
 तो दोस्तों, आपको मकेमेक के बारे में कैसा लगा, तो चलिए हम आपको अन्य ग्रहों से भी दोस्ती करते हैं



5. ERIS DWARF PLANET
 एक्वाटोरियल डाइमेस्टर I 445 MI I.66 X 1o20 KG MASS MEAN DIST.FROM SUN 4.4 UU
 परिधि परिधि १.०L डीएएलएआरएआरआईएलटी पेरियोड ५६० वर्ष ०. M३ मीटर / सेकंड सतह घनत्व सतह तापमान -382 ° F जनवरी 2005 में खोजा गया, एरिस है
 सूर्य से सबसे दूर का बौना ग्रह  यह है सबसे भारी और दूसरा भी सौर में सबसे बड़ा ज्ञात बौना ग्रह है प्रणाली।
प्रणाली।  आकार
 9 वीं सबसे बड़ी / सबसे भारी वस्तु के रूप में
 सीधे सूर्य की परिक्रमा करने के लिए जाना जाता था, एरिस था संक्षेप में 10 वें ग्रह के रूप में जाना जाता है।  एरीस
 आधिकारिक तौर पर बौना ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया था अगस्त 2006।
की परिक्रमा
 इसकी अत्यधिक विलक्षण कक्षा एरिस को ऊपर ले जाती है सूर्य से तीन गुना अधिक दूर
 प्लूटो।  लंबी अवधि के धूमकेतु के अलावा, एरिस
 और इसका चंद्रमा वर्तमान में सबसे दूर है
 सौर मंडल में ज्ञात प्राकृतिक वस्तुएँ।
वायुमंडल
 एरिस अक्सर सूर्य से इतना दूर होता है कि इसके
 वातावरण ध्वस्त हो जाता है और जमा देता है
 बर्फीले शीशे में सतह।  जैसे-जैसे एरिस करीब आता जाता है सूर्य के लिए, यह उम्मीद है कि सतह
 गर्म होगा और एक चट्टानी सतह को प्रकट करेगा।
 तो दोस्तों, आपको एरिस के बारे में कैसा लगा, तो चलिए हम आपको अन्य ग्रहों से भी दोस्ती करते हैं

तो कैसा लगा आपको कुछ सौरमंडल के ग्रहों के बारे में जान के जो कि अपने परिक्रमा से बाहर हो रखे हैं तो क्या कभी आपने ऐसे ग्रहों के बारे में कभी सोचा था और नहीं सोचा था तो सोचिए और भी ग्रह हो सकते हैं जो आप सो सकते हैं आप इनके बारे में और जानकारियां निकाल सकते हैं तो इसी को कहते हैं महत्वपूर्ण सोच जैसे कि हमने एक महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग की सोच के बारे में आपको बताया! और मन उड़ाने वाली स्टीफन हॉकिंग की कहानी भी बताई अगर हमने स्टीफन हॉकिंग के बारे में कुछ भी बुरा कह दिया हो तो हमें प्लीज माफ कर देना और ऐसे यूनिक स्टडीज  ब्लॉग पढ़ने के लिए आप हमारे वेबसाइट को फॉलो कर सकते हैं और कमेंट करके बता सकते हैं कि आपको किस बारे में आपको और ब्लॉग चाहिए


अगर आपको यह ब्लॉग इंग्लिश में पढ़ना है तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिककर कर आप पढ़ सकते हैं।

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Thursday, December 24, 2020

(SUSHANT SINGH RAJPUT' kee kahaanee aur unake adbhut soch ke baare mein aapako bataate hain.)

                                ARTICLE  

सुशांत सिंह राजपूत की अद्भुत सोच 

अगर दोस्तों आप इस कहानी को पूरा पढ़ोगे तो आप जीवन में कुछ बनने की ही सोचोगे यह कहानी इसी चीज पर दर्शाई गई है!

                    Sushant singh rajput

हिंदी में
तो दोस्तों आज हम आपको एक बहुत अच्छे और बड़े महान अभिनेता की कहानी आपको बताएंगे और उनके अद्भुत सोच के बारे में बताएंगे जो उनको दर्शाता है कि यह एक बहुत अच्छे और महान इंसान थे! 

तो हम जिस महान इंसान की बात कर रहे हैं उनका नाम है सुशांत सिंह राजपूत जो कि इस दुनिया को मात्र 34 साल की उम्र में उनके घर बांद्रा वेस्ट मुंबई में उनकी हत्या कर दी गई और वह 14 जून 2020 को इस दुनिया को छोड़ कर चले गए!

 एकदम से इतनी ज्यादा अफवाह फैली कि सुशांत सिंह राजपूत ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली और उनकी मौत को आत्महत्या करार दिया गया और तो उनके फैन सदमे में आ गए कि इतनी कामयाबी पाने के बाद भी वो इंसान अपने आप को कैसे मार सकता है कुछ दिन बीते लोगों ने बात बनाना शुरू कर दिया कि वह डिप्रेशन में थे उन्हें फिल्म नहीं मिल रही थी वह अकेले हो गए थे इसीलिए उन्होंने अपने आप को फांसी लगा ली!

लेकिन कहते हैं ना आत्महत्या करने वाले का भी कोई कातिल जरूर होता है

यही सोचकर उनकी फैमिली ने अपने भाई और अपने बेटे के न्याय के लिए केस को आगे बढ़ाया यह जानने के लिए कि मेरे भाई और मेरे बेटे का कातिल कौन है! सुशांत सिंह राजपूत का केस आगे बढ़ा बहुत से सबूत सामने आए जैसे कि उन्हें उनकी गर्लफ्रेंड ने उनको पैसों के लिए मार दिया और तो जैसे कि उन्हें टॉर्चर किया जा रहा था जैसे कि उन्हें ड्रग्स दिया जा रहा था ऐसे बहुत से सबूत सामने आए लेकिन सुशांत सिंह राजपूत की फैमिली दावा कर रही थी कि सुशांत सिंह राजपूत कि गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ने उनके बेटे की जान ली है लेकिन मुंबई पुलिस उनकी बात मानने को तैयार नहीं थी फिर उनकी फैमिली ने सोचा कि इस केस को सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) संभालेगी फिर उनकी फैमिली ने सीबीआई की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस को भेजा!

 सुशांत के करोड़ों फैन की दुआएं और उनके फैमिली के विश्वास और कुछ सबूतों पर

 सुप्रीम कोर्ट ने भी सीबीआई की मांग को स्वीकार किया! लेकिन सीबीआई की पड़ताल से ऐसे ऐसे सबूत सामने आए की दुनिया सोच में आ गई! 

जहां सीबीआई की पड़ताल के लिए मंजूरी नहीं मिल रही थी वहां एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) को भी आना पड़ा और बॉलीवुड के ऐसे काले सच सामने आए कि दुनिया इसको अच्छे से जानती है! लेकिन ऐसे बहुत से सबूत सामने आए जो सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को नहीं हत्या को जोड़ती है लेकिन वह चीज सामने नहीं आई जिसने सुशांत सिंह राजपूत की हत्या की है!

और उस चीज को ही सजा दिलाने के लिए उनकी फैमिली और उनके करोड़ों फैन इसी आस में न्याय फॉर सुशांत सिंह  का नारा लगा रहे है!

 और हमें पूरा विश्वास है उस सीबीआई की मेहनत पर जो इस केस को सुलझा रही है! 

यह भारत देश है हमारा ऐसा इस देश के कानून है कुछ ऐसे किसी बेगुनाह को सजा ना मिले इसीलिए समय लगा रही है काम किया है जिसने भी यह गंदा उसका भी पता लगा रही है थोड़ा समय लगा रही है सबर करो यारों जल्दी ही एक अच्छी खबर सुना रही है उस गंदगी का पता लगा रही है! 

वह सुशांत सिंह राजपूत थे कुछ ऐसे उन्होंने नाम बनाया कुछ ऐसा कि दुनिया याद रखेगी उस नाम को चलो उस नाम को बनाने तक की कहानी से हम कुछ सीख लेते हैं और सुशांत सिंह राजपूत की अद्भुत सोच को पहचानने की हम  कोशिश करते हैं!

                     Sushant singh rajput 

-बॉलीवुड के महान अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की सबसे बड़ी रहस्यमयी हत्या बन गई| जिस में एक के बाद एक रहस्य खुलते गए।
इसको पूरा पढ़ना दोस्तों क्योंकि इनकी कहानी से आपको बहुत ज्यादा प्रेरणा मिलेगी?
                    Sushant singh rajput 

सुशांत सिंह राजपूत का परिचय।
Introduction to Sushant Singh Rajput.

हिंदी में
तो चलो जानते हैं जिसने अपने भविष्य को दांव 
पर लगाया यानी कि अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई को छोड़कर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री यानी बॉलीवुड में अपने खुद के मेहनत के दम पर दुनिया भर में अपनी इतनी बड़ी पहचान बनाई वह इंसान सुशांत सिंह राजपूत है! और इनकी कहानी की शुरुआत होती है! 21 जनवरी 1986 को बिहार की राजधानी पटना में इनका जन्म हुआ था!
इनके पिताजी का नाम कृष्ण कुमार सिंह था और इनकी माता जी का नाम उषा सिंह था और इसके अलावा इनकी चार बड़ी बहन भी थी सुशांत घर में सबसे छोटे थे! इसलिए घर में सबसे छोटे होने के कारण उन्हें अपनी फैमिली से बहुत ज्यादा प्यार मिला और सुशांत बचपन से ही पढ़ाई में बहुत ज्यादा होशियार थे क्योंकि उनकी बहन पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा सीरियस रहा करती थी इसीलिए उन पढ़ाई की सहायता घर से ही मिल जाती थी और उन्हें सबसे ज्यादा फिजिक्स सब्जेक्ट पसंद था! और तो जैसे की फिल्म इंडस्ट्रीज के कई एक्टर्स! बचपन से ही बहुत बड़े फिल्म स्टार बनने का सपना देखते हैं!
लेकिन इस इंसान की सोच ही अलग थी! क्योंकि इनका बचपन से ही एक सपना था कि मैं एक एयरफोर्स पायलट बनो और इसकी प्रेरणा टॉम क्रूज की फिल्म टॉप गन से मिली
लेकिन कहते हैं ना जहां चाहा वहां रहा है क्योंकि उनके पिताजी नहीं चाहते थे कि उनका बेटा एयरफोर्स में जाए बल्कि उनके पिताजी का सपना था कि उनका बेटा इंजीनियर बने और अपने पिताजी की बात को रखते हुए!
 उन्होंने अपने पायलट बनने की सोच को इंजीनियर बनने की सोच में बदल दिया!



और अपनी पूरी जी जान लगाकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने में लग गए और कहते हैं ना जहां सब कुछ सही चल रहा हूं वहां मुश्किल वक्त ना आए ऐसा हो सकता है क्या अचानक उनकी फैमिली में आया एक मुश्किल वक्त जब सुशांत 16 वर्ष के थे तब उनकी माता जी का देहांत हो गया!


                     Sushant singh rajput

सुशांत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी मां का अचानक से यूं चले जाना उनकी लाइफ का चौका देने वाला समय था क्योंकि उनकी मां एकदम ठीक थी और ना ही किसी को पता था कि ऐसा कुछ होने वाला सुशांत ने अपनी मां के जाने के बाद एहसास किया कि मां के जाने के बाद सब कुछ कैसे बदल जाता है और हम उनकी यादों में ही रह जाते हैं! सुशांत ने इस घटना से सीखा की अगर हमें अपनी जिंदगी में कुछ भी करना है तो उसी दौरान कर लेना चाहिए और अगर हम अपने आने वाले कल के लिए रुकोगे तो हमारा कल कभी आएगा ही नहीं और आने वाला कल किसने देखा है फिर वह 12th की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए फिर वहां उन्होंने एक अच्छे स्कूल में एडमिशन लिया क्योंकि सुशांत ने अपना एक ही लक्ष्य बना लिया था अब चाहे जो भी हो जाए इंजीनियर बन के रहेंगे! फिर उन्होंने कई कोचिंग इंस्टिट्यूट में एडमिशन लिया और सुशांत वहाँ तीन लोगों के साथ रूम शेयर करके रहते थे और वह अपने स्कूल असाइनमेंट पूरा करने और इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह कपड़े भी खुद धोया करते थे और खाना भी खुद बनाया करते थे! और उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं उन दिनों यह काम करते हुए भी अपने आपसे बिल्कुल भी शिकायत नहीं करता था क्योंकि मैं अपने भविष्य की जिंदगी में कामयाब इंसान बनने के बहुत ज्यादा करीब था और मैं कई इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए सेलेक्ट भी हो गया था! 
अब दोस्तों शुरू होती है सुशांत सिंह राजपूत की सोच की अद्भुत कहानी इसको पूरा पढ़ना यह कहानी आपको बहुत ज्यादा प्रेरित करने वाली है!
                      Sushant singh rajput



और उन्होंने आखिरकार सोचा कि मैं दिल्ली इंजीनियरिंग ऑफ कॉलेज में एडमिशन लूंगा और जब उन्होंने दिल्ली इंजीनियरिंग ऑफ कॉलेज के लिए एंट्रेंस एग्जाम दिए तो इनका ऑल इंडिया रैंक 7 आया था और यह उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी और सुशांत सिंह राजपूत की फैमिली तो जशन मना रही थी! 
तो देखा दोस्तों सपना था एयरफोर्स पायलट बनने का सोचा इंजीनियर बनने का ऐसा वैसा इंजीनियर नहीं है मैकेनिकल इंजीनियर बनने का और जो इस इंसान ने मेहनत करी वह आप इनके रैंक और कॉलेज को देख सकते हो दोस्तों जिस कॉलेज में इनका एडमिशन हुआ वह कॉलेज भारत के तीसरे नंबर पर रैंक करता है इस कॉलेज में एडमिशन पाना किसी के बस की बात नहीं है अगर मेहनत है लगन है और अपने सही सोच पर पूरा विश्वास है तो आप का इस कॉलेज में स्वागत है! अब सुशांत कॉलेज में आ गए थे लेकिन समय बिता सुशांत को कॉलेज बोरिंग सा लगने लगा लेकिन क्यों लगने लगा यह नहीं जानोगे! 


जैसे कि सुशांत एक मैकेनिकल इंजीनियर के विद्यार्थी थे और उनकी क्लास में एक भी लड़कियां नहीं थी जब सुशांत स्कूल में थे तब वह सोचते थे कि कॉलेज लाइफ मजे की लाइफ लेकिन वह कॉलेज में बोर से हो गए थे उन्हें और भी कुछ करने का मन कर रहा था वह सोचते थे कि मैं इससे भी बड़ा कुछ कर सकता हूं! 

फिर एक बार उनके दोस्त ने कहा कि भाई तू डांस जॉइन क्यों नहीं कर लेता और वहां पर अच्छी-अच्छी लड़कियां भी आती है तो सुशांत ने सोचा कि वैसे भी मुझे कुछ करने का मन कर रहा है तो चलो डांस से ही शुरुआत करते हैं और उन्होंने बिना कुछ कहे प्रसिद्ध डांसर श्यामक दावर की डांस एकेडमी ज्वाइन कर ली और पढ़ाई के साथ-साथ वह बहुत कम समय में लीड रोल डांसर में से एक बन गए थे और उन्होंने कई अवॉर्ड शो जैसे कि फिल्मफेयर, आइफा जैसे अवॉर्ड शो में बड़े-बड़े स्टार्स के साथ डांस किया था और एक बार उन्हें एक अवॉर्ड शो में ऐश्वर्या के साथ डांस करने के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना था लेकिन उनकी पास पासपोर्ट नहीं था और तो उनके पिताजी को भी नहीं पता था कि सुशांत कॉलेज से ज्यादा वक्त डांस एकेडमी में बिताते हैं और उनके पिताजी को यह बात पता तब चली जब सुशांत ने अपने पिताजी को पासपोर्ट बनवाने के लिए बोला और उनके पिताजी ने देखा कि मेरा बेटा इसमें अच्छा कर रहा है तो वह पासपोर्ट बनवाने के लिए मान गए!
 तो दोस्तों सुशांत की एक बात भी बताते हैं एक बार सुशांत  अवॉर्ड शो में स्टार के पीछे डांस कर रहे थे!
जैसे कि आपको पता होगा कि वह एक बैकग्राउंड डांसर भी थे! तो उन्होंने सोचा कि मैं इन लोगों से बस 5 कदम दूर हूं अगर मैं उस 5 में कदम पर पहुंच जाता हूं जहां पर वह स्टार डांस कर रहा है तो मुझे भी दुनिया जानेगी पहचाने गी और वह सोचने लगे मुझे दुनिया भर में लोकप्रिय और पैसा ही तो कमाना है तो क्यों ना मै एक फिल्म स्टार बन जाऊं और फिर वह इस सोच को लेकर बहुत ज्यादा सीरियस हो गए क्योंकि उन्हें अपनी सोच पर पूरा विश्वास था इसीलिए वह सीरियस हुए और तभी उन्होंने थर्ड ईयर में इंजीनियरिंग छोड़ दी और दोस्तों वह बस इंजीनियरिंग डिग्री से 2 सेमेस्टर दूर थे और फिर वह कॉलेज छोड़कर मुंबई चले गए फिर उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे थिएटर ज्वाइन कर लिया और 2 साल ऐसे ही चलता रहा!
फिर उन्हें एक बड़ा ब्रेक मिला उन्हें एक प्राइम टाइम टीवी शो के लिए सेलेक्ट कर लिया गया और यह उनके लिए सीरियसली बहुत बड़ा ब्रेक था और उन्होंने पैसा कमाना भी शुरू कर दिया था और लोगों ने उन्हें पहचानना भी शुरू कर दिया था और फिर समय बीता गया वह धीरे-धीरे बहुत ज्यादा प्रसिद्ध होते गए और पूरे भारत में उन्हें लोग जानने लगे और और 2 साल बाद टीवी शो में काम करने के बाद वह वह टीवी इंडस्ट्रीज के प्रसिद्ध कलाकार में से एक बन गए थे और उनको बड़े-बड़े टीवी शो के ऑफर आने लगे वह टीवी शो से इतना कमा रहे थे कि वह अपनी अच्छी जिंदगी जी सकते थे लेकिन उनको  टीवी शो बोरिंग लगने लगा क्योंकि वह रोज रोज एक ही किरदार निभाने से बोर हो गए थे! और फिर उन्होंने सोचा कि मुझे टीवी शो छोड़कर फिल्म्स में ट्राई करना चाहिए और जब कि टीवी एक्टर्स को बॉलीवुड में बहुत ही कम सक्सेस मिलती है और जबकि सुशांत यह बात जानते थे और फिर भी उन्होंने अपना इतना प्रसिद्ध टीवी शो छोड़ दिया
                     Sushant singh rajput

सुशांत को अपने फैसले और अपनी सही सोच पर पूरा विश्वास था इसीलिए उन्होंने एक फिल्म साइन करी वैसे तो उन्हें उस फिल्म से भी पहले पांच फिल्म्स के ऑफर आए थे! फिर उन्होंने सोचा कि मैं अमेरिका जाकर फिल्म्स मेकिंग का कोर्स करूंगा और उन्होंने सोचा और वह चले गए लेकिन जैसे वह इंजीनियरिंग पूरा नहीं कर पाए थे वैसे ही इन्होंने मेकिंग का भी कोर्स पूरा नहीं कर पाए!
 हुआ यूं था उन्हें फिल्म काई पो चे में लीड रोल के लिए सेलेक्ट कर लिया गया था और उनको यह फिल्म अपनी फिल्म इंडस्ट्री में प्रथम प्रवेश के लिए सही लगी और उन्होंने जल्दी से सोच कर उत्तर दिया मैं इस फिल्म को करूंगा और क्योंकि उन्हें अपनी सही सोच पर और अपने आप पर पूरा भरोसा था! और 
याद रखना जिस दिन तुम्हें अपनी सही सोच पर पूरा भरोसा हो जाए उस दिन तुम यह जिंदगी जीत गए हो क्योंकि जिंदगी ना मिलेगी दोबारा तू आज कहां है कल कहां होगा यह ना तूने जाना ना तेरे दोस्त ने जाना! यह फैसला तुझे करना है कि तुझे यह मिली हुई जिंदगी कैसे जीनी है! 

                    Sushant singh rajput
और इस फिल्म में उनके साथ दो और बड़े भी कलाकार को सिलेक्ट किया गया था और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सक्सेसफुल रही और इस फिल्म से सबसे ज्यादा लोकप्रियता सुशांत को मिली!
 और जैसे कि आपको सुशांत पर कुछ फैक्ट्स भी पढ़ने को मिलेंगे और जो आपने यह पूरी कहानी पढ़ी यह भी किसी फैक्ट से कम नहीं है लेकिन हम सुशांत पर कुछ ऐसे और  फैक्ट को जानोगे! इस कहानी को पूरा पढ़ना ध्यान से और फिर उनको एक से बढ़कर एक फिल्म्स के ऑफर आने लगे और उन्हें सबसे ज्यादा लोकप्रियता तब मिली जब महेंद्र सिंह धोनी पर बनने वाली फिल्म में उन्हें महेंद्र सिंह धोनी का किरदार निभाने का मौका मिला!



 और इस किरदार को सुशांत भी ऐसा निभाया जैसे स्वयं महेंद्र सिंह धोनी ही फिल्म में है! और इस फिल्म को करने के बाद सुशांत स्टार से सुपरस्टार बन गए! और इसका सारा श्रेय उनकी सही सोच पर और उनको अपने आप पर पूरा विश्वास था उस पर जाता है! अगर आपको अपने सही सोच पर पूरा विश्वास नहीं है आप जीवन में कुछ नहीं कर सकते हो और देखा जाए तो सोचते तो सभी हैं लेकिन जो सही सोच कर वह उस सोच को पूरा कर दे तो वही जिंदगी में कामयाब बन सकता है! और आज के नौजवान युवा कुछ मुश्किल कुछ बड़ा सोचना ही नहीं चाहते हैं वह अपने दिमाग को दर्द देना ही नहीं चाहते हैं क्योंकि उन्होंने पहले से ही अपने दिमाग को मजे का दिमाग बना रखा है लेकिन जितनी भी महान बड़े इंसान हैं उन्होंने अपने दिमाग को बहुत दर्द दिया है तभी वह आज दुनिया में राज करते हैं लेकिन आपको भी कुछ बड़ा बनना है करना है


 तो आपको सही सोचना होगा और उस सही सोच  को पूरा करना होगा तभी आप दुनिया में दिखोगे नहीं तो आप वहीं के वहीं रह जाओगे!
 और जब आप 9 से 5 की नौकरी कर रहे होंगे ना और तब आपका मालिक जब निकल रहा होगा और आप उसे सलाम कर रहे होंगे तो आप उसे देखकर यही सोचोगे बनने का तो मैंने यही सोचा था लेकिन अफसोस मैं बन नहीं पाया

                  Sushant singh rajput  
तो आपने इस कहानी से क्या सीखा तो चलो यह भी हम ही बताते हैं यह सुशांत सिंह राजपूत की कहानी से आपने सीखा कि यह इंसान कहां से कहां आ जाता है जैसे कि इन्होंने सोचा था कि मैं बनूंगा एयर फोर्स पायलट लेकिन इन्होंने अपने पिताजी के कहने पर पढ़ाई इंजीनियरिंग करी और अपनी पढ़ाई का अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन फिर इन्होंने सोचा कि मेरे को इंजीनियरिंग में इतना मजा नहीं आ रहा डांस करूंगा और उन्होंने डांस में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन दिया फिर इन्होंने इससे भी आगे बढ़ने का सोचा एक एक्टर बनने का सोचा इनको अपना खुद का एक टीवी शो में नाटक करने का मौका भी मिला और वहां पर भी इन ने क्या नाटक का प्रदर्शन दिया लेकिन इतना पैसा इतना लोकप्रियता बटोरने के बाद भी इस इंसान ने इससे भी आगे बढ़ने का सोचा फिल्मों में जाने का सोचा जबकि यह बात जानते हुए कि मुझे फिल्में शायद से ही सक्सेस मिल पाए लेकिन वहां पर भी इस बंदे को बहुत सक्सेस मिली और वह बन गए स्टार से सुपरस्टार! दोस्तों इनको अपनी सही सोच और अपने आप पर इतना विश्वास था ना कि यही बताता है कि यह इंसान सिर्फ आगे बढ़ने के लिए ही बना था! दोस्तों इनके अंदर इतनी काबिलियत थी कि यह दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति भी बन सकते थे!
जैसे कि मैं आपको बता दूं इस इंसान की सोच ही अलग थी यह इंसान ज्यादा पैसा कमाने के लिए कभी भी आगे नहीं बढ़ते थे पैसा तो इनके पास खुद ही आ जाता था क्योंकि यह जानते थे कि पैसा ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है यह इंसान सिर्फ आनंद से जिंदगी को जीने के लिए आगे बढ़ता थे

                        Sushant singh rajput

तो चलो दोस्तों इस महान कलाकार सुशांत सिंह राजपूत के बारे में कुछ ऐसे तथ्य को जानते हैं कि जो इन्हें दर्शाता है कि यह एक बहुत बड़े जीनियस थे! 

        1. पहला तथ्य. 

बॉलीवुड इंडस्ट्री में हर कोई बड़े-बड़े डायरेक्टर के साथ काम करना चाहता है अगर हम बड़े डायरेक्टर्स की बात कर रहे हैं और राजकुमार हीरानी का नाम ना आए ऐसा हो सकता है क्या बॉलीवुड के हर बड़े एक्टर राजकुमार हीरानी के साथ काम करना चाहते है लेकिन सुशांत को यह मौका उनकी तीसरी फिल्म में ही मिल गया था! फिल्म पीके में सुशांत ने सरफराज का किरदार निभाया था और इस रोल को निभाने के लिए सुशांत ने कोई भी पैसा नहीं लिया था क्योंकि वह बस राजकुमार हीरानी जैसे बड़े डायरेक्टर के साथ काम करना चाहते थे इसलिए उन्होंने पैसे की कोई डिमांड नहीं रखी! अगर वह चाहते तो करोड़ों रुपए ले सकते थे!
            2. दूसरा तथ्य.

 एम एस धोनी जैसी फिल्म में काम करने के लिए सुशांत ने डेढ़ साल तक क्रिकेट सीखा और उनका प्रसिद्ध हेलीकॉप्टर शॉट भी सीखा और फिल्म में लगा डाला और धोनी के चाहने वालों को यह भी नहीं पता चलने दिया कि यह सुशांत स्वयं क्रिकेट खेल रहे हैं!

              3. तीसरा तथ्य.
 
जब सुशांत की डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी फिल्म आई थी यह फिल्म 1940 के जमाने की बनी थी और उस जमाने में लोग फोन भी नहीं रखा करते थे और धोती कुर्ता पहना करते थे और यह फिल्म की शूटिंग 4 महीने तक चली थी और सुशांत ने 4 महीने तक फोन नहीं रखा था अपने पास और धोती कुर्ता भी पहना था! क्योंकि वह किरदार को ठीक से समझना चाहते थे! 

            4. चौथा तथ्य.

 जब केरला में बाढ़ आई थी तब सुशांत ने 1 एक करोड़ रुपए दान किए थे इसके पीछे एक बहुत बड़ी इंस्पायरिंग कहानी है जब केरला में बाढ़ आई थी तब सुशांत ने एक पोस्ट डाला था तब उनके एक फैन ने उन्हें कमेंट में लिखा था कि सर मैं कुछ खाने की चीज दान करना चाहता हूं लेकिन मेरे पास पैसे नहीं है तब सुशांत ने कहा था की चिंता मत करो मैं तुम्हारी तरफ से एक करोड़ रुपए दान कर देता हूं.
 
           5. पांचवां तथ्य. 



दोस्तों क्या आपको पता है सुशांत सिंह राजपूत की चांद पर भी जमीन है यह बॉलीवुड के पहले एक्टर हैं जिन्होंने चांद पर जमीन खरीदी वैसे तो शाहरुख खान के पास भी जमीन है लेकिन उनको उनके एक फैन ने गिफ्ट में दी थी लेकिन सुशांत को चांद पर जमीन खरीदने के लिए किसी फैन की जरूरत नहीं है जो इनका प्राकृतिक चीजों के लिए सोच है और प्यार है  वही दर्शाता है कि यह कितने महान जीनीयस इंसान थे!

              6. छटा तथ्य. 

अगर आपने सुशांत सिंह राजपूत की पहली फिल्म कई पो चे देखी है तो आपको पता होगा कि उस फिल्म में सुशांत मर जाते हैं और जो उनकी लास्ट फिल्म दिल बेचारा जो आपने देखी होगी उस फिल्म में भी सुशांत मर जाते है! दोस्तों आपने तो  इसमें सुशांत के थोड़े सी ही फैक्ट के बारे में जाना वैसे तो सुशांत सिंह राजपूत की है पूरी कहानी फैक्ट है!
इस कहानी से तुम्हें शिक्षा मिलती है कि अगर तुम्हें जो करना है वह तुम उसी वक्त कर जाओ नहीं तो जिंदगी बार-बार नहीं मिलती है दोस्त आज है कल नहीं यह किसने देखा है अगर तुम वह चीज सही सोचते हो और तुम उसे नहीं करते हो तो तू तुम्हें एक ना एक दिन आगे बहुत ज्यादा पछतावा होगा और फिर तुम सोचोगे अगर वह चीज में उसी वक्त कर लेता तो आज मेरी जिंदगी क्या से क्या होती है और जैसे कि सुशांत ने एक फिल्म में कहा है कि हममें जन्म कब लेना है और कब हमें मरना है यह हम तय नहीं कर सकते लेकिन कैसे जीना है यह हम तय कर सकते हैं इसी विचार को लेकर आप आगे बढ़ने की कोशिश करो!

                      Sushant singh rajput

पढ़ने के लिए धन्यवाद

ऐसे और किसी महान इंसान की सोच के बारे में जानने के लिए आप हमें कमेंट कर सकते हैं!
 अगर हमने सुशांत सिंह राजपूत के बारे में कुछ भी बुरा भला कह दिया हो तो हमें माफ करना!
     
अगर आप इस ब्लॉग को अंग्रेजी में पढ़ना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

                     THINKING STUDIES

               Sushant singh rajput Story




Monday, December 21, 2020

(Mahendra Singh dhoni kee adbhut soch kee kahaanee ke baare mein jaane.)

                            ARTICLE                               (महेंद्र सिंह धोनी की अद्भुत सोच)  

अगर आप महेंद्र सिंह धोनी के अद्भुत सोच के बारे में जानोगे    तो आप अपनी जिंदगी में कुछ कर जाने की चाहत रखोगे

Hindi. 

:तो चलिए दोस्तों जानते हैं महेंद्र सिंह धोनी के अद्भुत सोच की कहानी के बारे में कि वह कैसे इतने बड़े क्रिकेट खिलाड़ी बने और उन्होंने कैसे सोचा यह कर जाने का और अपने अंदर के जज्बा को जगाने का, तो दोस्तों जान लो जिंदगी जीने के दो पहलू के बारे में 

1.अगर तुमको अपनी जिंदगी में जो चीज पसंद है उसको हासिल कर लो 

2.या फिर जो चीज तुम्हें हासिल है उसे पसंद करना सीख लो! 

और यह कहानी इसी चीज को दर्शाती है और इस महान इंसान की सोच तुम्हें यही बताती है! की जिंदगी मिली है तुमको यह एक, इसे तू अपना मान लें सात जन्म के सपने मत देख, इसे तू एकलौता ही मानले तुझको जो है करना बस इसी जिंदगी में कर जाना क्या पता आगे मौका मिले या ना मिले! दोस्तों इस कहानी को पूरा पढ़ना यह कहानी तुम को आगे बढ़ने में प्रेरित करेगी!

                             M.S DHONI 

:महेंद्र सिंह धोनी, एम एस धोनी, माही, या फिर कैप्टन कूल कहो वैसे तो इनकी पूरी कहानी हम ने इनकी बनी बायोपिक फिल्म महेंद्र सिंह धोनी द अनटोल्ड स्टोरी में देख ली थी!   तो हम महेंद्र सिंह धोनी के महत्वपूर्ण सोच के बारे में जानेंगे कि उन्होंने कैसे दुनिया का बेस्ट फिनिशर बन्ना सोचा! 

                            M.S DHONI 

                        महेंद्र सिंह धोनी परिचय

     Mahendra Singh Dhoni introduction


:दोस्तों महेंद्र सिंह धोनी का सफर इतना भी आसान नहीं था! और यह आप लोगों ने उनकी बनी बायोपिक फिल्म एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी में देख होगा!         

तो धोनी को बचपन से ही खेल में दिलचस्पी थी और साथ ही वह पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे! एम एस धोनी आज भले ही सफल क्रिकेटर की तौर पर जाने जाते हैं! लेकिन उन्हें बचपन में फुटबॉल और बैडमिंटन का काफी ज्यादा शौक था! और उस समय उन्होंने शायद कभी क्रिकेट के बारे में सोचा भी नहीं था! अगर हम उनके फुटबॉल खेल के बारे में बात करें तो वह इस खेल में इतने अच्छे थे कि छोटे से ही उम्र में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट और क्लब स्तर पर खेलना शुरू कर दिया था और वह अपनी फुटबॉल टीम में गोलकीपर के रूप में खेलते थे!

:और धोनी ने फुटबॉल में गोलकीपर की तौर पर अच्छा प्रदर्शन दिया फिर एक दिन उनके फुटबॉल कोच ने उनके अच्छे गोलकीपिंग खेल को देखते हुए उनसे कहा कि तुम फुटबॉल में इतनी अच्छी गोलकीपिंग करते हो तो तुम क्रिकेट में कोशिश क्यों नहीं करते हो! और फिर धोनी अपने कोच की बात सुनकर सोच में पड़ गए क्योंकि उन्होंने कभी क्रिकेट नहीं खेला था! लेकिन धोनी ने अपने कोच की बात को गंभीरता से लेते हुए कोच को जाकर कहा कि मैं क्रिकेट खेलूंगा!

: क्योंकि दोस्तों धोनी को अपने सही सोच पर पूरा विश्वास था कि मैं क्रिकेट खेल सकता हूं! 

:दोस्तों हर इंसान अपने जीवन में कुछ ना कुछ बड़ा करने की सोचता ही है लेकिन वह डर जाता है वह अपने ऊपर पूरा विश्वास नहीं कर पाता और वह सही सोचने की जगह पर सोचता है कि अगर मैं इस चीज में कामयाब नहीं हो पाया तो मेरा आगे क्या होगा और जिस दिन तुमने यह सोच लिया उस दिन तुम अपनी कामयाबी को तो छोड़ो तुम हर काम में आगे बढ़ने से डरोगे!

                              M.S DHONI

:फिर धोनी के कोच ने धोनी को क्रिकेट में हाथ आजमाने के लिए भेजा लेकिन धोनी क्रिकेट के बारे में इतना नहीं जानते थे लेकिन फिर भी उन्होंने अपने विकेट कीपिंग से सब को बहुत प्रभावित किया और फिर वह कमांडो क्रिकेट क्लब के नियमित कीपर बैट्समैन बन गए और उसके बाद तो धोनी फुटबॉल और क्रिकेट दोनों ही डिस्ट्रिक्ट टीम में खेल रहे थे और दोनों जगह में धोनी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे! लेकिन जब तुम्हें कामयाब होना है तो तुमको एक चीज को ही चुनना पड़ेगा और उसमें पूरा जी जान से मेहनत करके अच्छा प्रदर्शन दिखाना होगा और धोनी ने पूरा विश्वास रखते हुए सोचा कि मैं क्रिकेट खेलूंगा और वक्त के साथ-साथ धोनी क्रिकेट के लिए बहुत ज्यादा सीरियस हो गए और दिन रात अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए मेहनत करने लग गए और धीरे-धीरे इनका प्रदर्शन बेहतर से और बेहतर होता चला गया! और धोनी के इसी बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें अंडर-19 स्टेट में सेलेक्ट कर लिया गया और वह अंडर-19 स्टेट टीम के नियमित प्लेयर बन गए! 

लेकिन कहते हैं ना जहां सब कुछ सही चल रहा हो वहां कोई गड़बड़ ना हो ऐसा हो सकता है क्या और धोनी के साथ भी कुछ ऐसा हुआ! और उनकी जिंदगी में एक मोड़ आया कि जब इतनी मेहनत के बाद अंडर-19 वर्ल्ड के लिए सिलेक्ट नहीं हो पाए और यहां से शुरू हुआ धोनी का वास्तविक संघर्ष!

धोनी अंडर-19 वर्ल्ड में सेलेक्ट नहीं होने के बाद भी धोनी ने हार नहीं मानी और उन्होंने अपने आप से कहा इतने से नहीं होगा और मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन उनके पिताजी नहीं चाहते थे! कि उनका बेटा क्रिकेटर बने इसलिए अपने पिताजी के कहने पर उने रेलवे मैं टिकट कलेक्टर की जॉब भी करनी पड़ी जहां उन्हें दिन भर काम और फिर प्रैक्टिस करनी पड़ती थी लेकिन उन्होंने कभी भी आशा नहीं छोड़ी उन्होंने अपने आपसे यह नहीं कहा कि मैं अब क्रिकेटर नहीं बन पाऊंगा! अगर वह यह सोच लेते तो धोनी धोनी नहीं होते और यही उनकी सकारात्मक सोच बताती है कि यह एक महान इंसान है, लेकिन इतनी मुश्किल परिस्थितियों के बाद भी धोनी ने कभी हार नहीं मानी और हर साल वह नेशनल के ट्रायल्स दिया करते थे लेकिन बदकिस्मती से वह हर बार सेलेक्ट नहीं हो पाते थे! और यह स्ट्रगल 3 साल तक ऐसा ही चलता रहा! पर कहते हैं ना कामयाबी तब तक तुम्हारे सामने नहीं झुकती जब तक तुम्हारे पास उसको पाने के लिए जिद नहीं आ जाती और फिर धोनी ने सोचा कि ऐसे काम नहीं चलेगा अगर मुझे क्रिकेटर बनना है तो मुझे टिकट कलेक्टर की नौकरी छोड़नी पड़ेगी! और फिर धोनी ने फैसला लिया कि वह अपनी टिकट कलेक्टर की नौकरी छोड़ कर अपना सारा ध्यान नेशनल की टीम में सेलेक्ट होने पर लगाएंगे और उन्होंने अपना फैसला सही साबित करके दिखाया! 

और उसके बाद धोनी 1 साल के अंदर ही इंडियन टीम में सेलेक्ट हो गए थे! उन्होंने पहली बार इंडियन टीम की तरफ से खेला लेकिन उनके शुरुआती 4 इंटरनेशनल मैच में उनका स्कोर इतना अच्छा नहीं रहा! और इसके बाद उन्हें यह भी नहीं पता था कि अगले मैच में उन्हें मौका मिलेगा या फिर नहीं और तब तक उन्हें कोई जानता भी नहीं था! लेकिन कहते हैं ना अपने सपनों के पीछे इतना भागों की एक दिन तुम्हें पाना लोगों के लिए सपना बन जाए! और फिर इस बंदे ने अपने पांच में इंटरनेशनल मैच में नॉट आउट 183 का स्कोर बनाकर पहचान करा दी कि धोनी कौन है! और क्रिकेट में ऐसे कई रिकॉर्ड बनाए जिससे शायद ही भविष्य में कोई तोड़ पाए और तो इन्हें दुनिया के सबसे फास्टेस्ट विकेट स्टंपिंग में पहले नंबर पर गिना जाता है! और आज धोनी सक्सेसफुल क्रिकेटर होने के साथ-साथ धोनी एक सक्सेसफुल कैप्टन भी है और वह 100 से भी ज्यादा ब्रांड के ब्रांड एंबेसडर रह चुके हैं और आप धोनी के ब्रांड वैल्यू का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं धोनी एक ब्रांड एंडऑर्स के 14 से ₹15 करोड़ों रुपए चार्ज करते हैं आज के समय में धोनी इंडिया के सबसे बड़े सेलिब्रिटीज में से एक है! तो दोस्तों यही थी महेंद्र सिंह धोनी की सफलता की अद्भुत सोच की कहानी मुझे आशा है कि आपको अच्छी लगी होगी


तो दोस्तों आपने महेंद्र सिंह धोनी की सफलता की अद्भुत सोच की कहानी के बारे में जाना जैसे कि उन्होंने कैसे निर्णय लिया कि मैं क्रिकेटर बन सकता हूं! तो दोस्तों हम सभी के अंदर कोई ना कोई कामयाब इंसान छुपा बैठा है बस देरी है तो उसे ढूंढने की और जिस दिन तुम उसे ढूंढ कर अपना बना लोगे और फिर देखना पूरी दुनिया तुम्हें अपना बनाना चाहेगी! 

क्योंकि जब हम कामयाब नहीं होते तो टूट जाता है वो रिश्ता जो बहुत खास होता है हजारों यार बनते हैं जब सक्सेस अपने पास होता है! हमेशा याद रखना इस बात को;

पढ़ने के लिए धन्यवाद

महत्वपूर्ण सूचना।

और यह बात भी तुम याद रखो कामयाब हो तुम अगर कामयाबी है तुम्हारी किसी से अपनी कामयाबी की खैरात मत लेना क्योंकि वह तुम्हें कामयाब नहीं तुम पर एक एहसान कर के गया है! माना कि जब मेहनत करोगे तो हंसेगी दुनिया लेकिन जब तुम कामयाब बनोगे तो जलेगी दुनिया और यही जिंदगी का सच है लेकिन फैसला तुम्हें करना है कि खैरात या मेहनत

तो दोस्तों यही थी इस कहानी की प्रेरणा अगर हमने महेंद्र सिंह धोनी के बारे में कुछ भी भला बुरा कह दिया हो तो हमें माफ करना और ऐसी प्रेरक कहानी पढ़ने के लिए आप हमें कमेंट कर सकते हैं और हमारी वेबसाइट को फॉलो करना ना भूलें!

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